मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में गाजीपुर जिले के ही अ‍केले पांच मुकदमे

मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपण जेल से यूपी लाने की तैयारियां तेज होते ही जिले की पुलिस भी चौकन्नी हो गई है। यूं तो पुलिस को किसी मामले में फिलहाल उसे जिले में लाने की कोई योजना नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 08:30 AM (IST)
मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में गाजीपुर जिले के ही अ‍केले पांच मुकदमे
मुख्तार अंसारी को यूपी लाने की तैयारियां तेज होते ही गाजीपुर की पुलिस भी चौकन्नी हो गई है।

गाजीपुर, जेएनएन। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपण जेल से यूपी लाने की तैयारियां तेज होते ही जिले की पुलिस भी चौकन्नी हो गई है। यूं तो पुलिस को किसी मामले में फिलहाल उसे जिले में लाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन कोर्ट के आदेश के क्रम में वह एक्शन में होगी। 

जिले की कोर्ट में वैसे तो मुख्तार के खिलाफ एक भी मामला नहीं है, लेकिन प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में जितने मुकदमों में सुनवाई होनी है, उसमें पांच जिले के भी हैं। मुहम्मदाबाद कोतवाली में फर्जी दस्तावेज पर असलहा लेने के मामले में मुख्तार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत है। इसी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार की पेशी को लेकर उन्हें लाने के लिए बीते वर्ष जिले की पुलिस पंजाब के रोपण जेल गई थी, लेकिन उसे बैरंग वापस लौटना पड़ा था। इसी के बाद से ही मामला बढ़ा और सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था।

जिले में ध्वस्त हो चुकी है 149.63 करोड़ की संपत्ति

शासन के आपरेशन क्लीन के तहत जिला प्रशासन ने न सिर्फ मुख्तार अंसारी बल्कि उसके सहयोगियों, रिश्तेदारों के 149.63 करोड़ से अधिक की संपत्ति को ध्वस्त करा दिया है। यह कार्रवाई बीते वर्ष जुलाई माह से लेकर दिसम्बर के बीच की गई थी। इतना ही नहीं, अब तक मुख्तार के परिजनों, रिश्तेदारों, करीबियों व सहयोगियों के करीब 60 से अधिक शस्त्र लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस ने न सिर्फ मुख्तार को कमजोर करने का काम किया, बल्कि पुलिस के डर से बहुत से लोग अंडरग्राउंड हो गए। मुख्तार व उसके सहयोगियों के खिलाफ अभी भी जिला प्रशासन की कार्रवाई चल ही रही है।

विधायक अलका राय तीन बार लिख चुकीं थीं पत्र, अब न्याय की उम्मीद

मुख्तार अंसारी को रोपण से यूपी लाने गई गाजीपुर व मऊ पुलिस जब बैरंग लौट गई तो, कृष्णानंद राय की पत्नी व भाजपा विधायक अलका राय ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा को तीन बार पत्र लिखा। उन्होंने बार-बार अनुरोध किया था कि आप एक महिला हैं महिला के दर्द को समझ सकती हैं। मुख्तार बहुत ही शातिर अपराधी है उसे संरक्षण न दिए जाए। आपकी पंजाब में सरकार है, मुख्तार को यूपी भेजने में सरकार व हम जैसे पीडि़तों की मदद करें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश जब आया तो अलका राय की उम्मीद जगी। उन्होंने कहा था कि हमें अपने कानून पर पुरा विश्वास है। अब हम जैसे अनेक पीडि़ता को न्याय मिलेगा। उन्होंने यहां तक कहा कि मुख्तार एक बहुत बड़ा अपराधी है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

बोले पुलिस अधिकारी

मुख्तार से जुड़े जिले के सभी पांचों मामले प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट में हैं। कोर्ट जो निर्देश देगा उसका अनुपालन किया जाएगा।  -डा. ओमप्रकाश सिंह पुलिस अधीक्षक। 

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