पहली बारिश ने दी भीषण गर्मी से राहत, काशी में झूमकर बरसे बादल Varanasi news
इस सीजन की पहली बारिश गुरुवार की देर शाम शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुई। मामूली ही सही लेकिन इस बारिश भीषण गर्मी से राहत प्रदान की।
वाराणसी, जेएनएन। इस सीजन की पहली बारिश गुरुवार की देर शाम शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुई। मामूली ही सही लेकिन इस बारिश भीषण गर्मी से राहत प्रदान की। हालांकि तापमान में कोई खास अंतर नहीं रहा। बुधवार को पूरे दिन आसमान में बादल घेरने के कारण मौसम सुहाना हो गया था। लोगों ने इसका खूब आनंद भी उठाया। घाट, पार्क गुलजार हो गए थे। बुधवार की रात को भी लगा कि बारिश होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई, जिसके कारण उमस और बढ़ गई। हालांकि शुक्रवार की सुबह भी बादलों की आवाजाही बनी रही।
उम्मीद थी कि गुरुवार को भी बादल या बारिश का डेरा रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ सुबह से ही तेज धूप हो गई और उमस भी गर्मी भी। हालांकि शाम को मौसम ने पलटी मार दी। शहर में भी करीब 15 से 45 मिनट तक बारिश हुई। इसकी वजह से गर्मी से राहत मिली। हालांकि बारिश समाप्त होते ही फिर से उमस बढ़ गई। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। उन्होंने बताया कि दो-तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी। बीच-बीच में बारिश भी होने की संभावना है।
पहली ही बारिश में खुल गई बिजली व्यवस्था की पोल
इस सीजन की पहली बारिश में बिजली व्यवस्था की पोल खुल गई। शहर के कई हिस्सों में धड़ाधड़ ट्रिपिंग होने से अंधेरा छाने लगा। कुछ जगहों पर तो अधिकारी फाल्ट ढूंढने में ही हांफ गए। बिजली कटौती से उपभोक्ता भी उमस भी गर्मी में परेशान हो गए। गुरुवार की रात सारनाथ उपकेंद्र से जुड़े इलाके में करीब दो घंटे तक आपूर्ति बाधित हो गई। इसके कारण लोग उमस भरी गर्मी से आजिज आकर सड़क पर टहलने को मजबूर हो गए। यही स्थिति चेतगंज, लंका, भगवानपुर, चितईपुर, विद्यापीठ, नदेसर, चंदुआ, छीत्तूपुर, टेलीफोन कालोनी आदि कालोनियों की भी रही। स्थिति यह थी कि कोई भी अधिकारी बिजली कटौती की वजह बताने की स्थिति में नहीं था। सरकार की बार-बार हिदायतों के बाद भी यहां के अधिकारी बिजली व्यवस्था को निर्बाध रखने में फेल हो रहे हैं।
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