वाराणसी में अगले माह से नाव के लिए पहला सीएनजी स्टेशन शुरू, प्रदूषण पर नियंत्रण की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में अगले माह से नाव के लिए पहला सीएनजी स्टेशन स्थापित हो जाएगा। इसके लिए कार्य तेजी से चल रहा है। फिलहाल यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अस्थायी जमीन पर की जा रही है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 06:17 PM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 06:59 PM (IST)
वाराणसी में अगले माह से नाव के लिए पहला सीएनजी स्टेशन शुरू, प्रदूषण पर नियंत्रण की तैयारी
वाराणसी में खिड़किया घाट पर जेटी पर सीएनजी के लिए डिस्पेंसर लगाने की तैयारी।

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में अगले माह से नाव के लिए पहला सीएनजी स्टेशन स्थापित हो जाएगा। इसके लिए कार्य तेजी से चल रहा है। फिलहाल यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अस्थायी जमीन पर की जा रही है। इसके बाद दो हजार वर्ग मीटर जमीन पर स्थायी डाटर सीएनजी स्टेशन तैयार किया जाएगा।
आध्यात्म नगरी काशी में गंगा में करीब एक हजार लाइसेंसी नाव चलती हैं। कई नाव डीजल इंजन पर चलती हैं, जिसके कारण गंगा में प्रदूषण तो फैलता ही है साथ ही नाविकों को यह महंगा भी साबित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से नाविकों को गंगा में ही सीएनजी मुहैया कराने के लिए डाटर स्टेशन स्थापित किया जा रह है, जो जनवरी में ही शुरू हो जाएगा। इस स्टेशन पर 45 हजार वाटर लीटर कैसकेड यानी स्टोर करने की क्षमता होगा। यहां पर रिंग रोड पर स्थापित मदर स्टेशन से एलसीवी के माध्यम से गैस मंगाई जाएगी। इसके बाद यहां पर गैस स्टोर की जाएगी। इसके लिए खिड़किया घाट पर जेटी पर डिस्पेंसर लगाया जा रहा है, जिससे नावों में गैस भरी जाएगी। मालूम हो कि शहर में गेल इंडिया की ओर से 10 सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। यहां पर पांच हजार से अधिक आटो सीएनजी से चल रहे हैं। साथ ही करीब चार हजार लोगों के किचन तक पीएनजी पहुंच रही है। मार्च तक एक और सीएनजी स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा।

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