वाराणसी में गैलेक्सी हॉस्पिटल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, तीसरे फ्लोर का शीशा तोड़ कर आग पर काबू पाया

सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज स्थित एक नामचीन हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह तीसरे फ्लोर पर आग लग गयी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आग ऑपरेशन थियेटर के समीप रखे इलेक्ट्रॉनिक पैनल में शार्ट सर्किट की वजह से लगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 11:06 AM (IST)
वाराणसी में गैलेक्सी हॉस्पिटल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, तीसरे फ्लोर का शीशा तोड़ कर आग पर काबू पाया
महमूरगंज स्थित एक नामचीन हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह तीसरे फ्लोर पर आग लग गयी।

वाराणसी, जेएनएन। सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज स्थित एक नामचीन हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह तीसरे फ्लोर पर आग लग गयी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आग ऑपरेशन थियेटर के समीप रखे इलेक्ट्रॉनिक पैनल में शार्ट सर्किट की वजह से लगी। हॉस्पिटल में रात तक सब कुछ सामान्य था तभी ऑपरेशन थियेटर से धुआं निकलता देख हॉस्पिटल स्टाफ में भगदड़ मच गई। फायर ब्रिगेड को सूचना देने के बाद धुंआ बाहर निकालने के लिए लोग खिड़कियों का शीशा तोड़ने लगे और अंदर लगे फायर इक्विपमेंट से आग बुझाने की कोशिश में लग गए। सूचना पाकर मंडुवाडीह थाना प्रभारी व सिगरा थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए। दमकल की कई गाड़ियों से सीढ़ी लगाकर तीसरे फ्लोर का शीशा तोड़ कर आग पर काबू पाया गया। वहींं इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सिगरा थाने का एक सिपाही भी झुलस गया।

महमूरगंज स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल के तीसरे फ्लोर पर आग की सूचना मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सबसे पहले अस्पताल में लगाए गए फायर फाइटिंग इक्विपमेंट की मदद से इस आग पर काबू पाने की कवायद शुरू की। इलेक्ट्रॉनिक पैनल से आग बढ़ते- बढ़ते ऑपरेशन थिएटर तक पहुंच गई। इसके बाद बगल में स्थित आइसीयू आग की चपेट में आने लगा। आइसीयू में 10 मरीजों में से 6 मरीज वेंटिलेटर पर थे जबकि बाकी की कंडीशन भी क्रिटिकल बताई जा रही थी। शीशा तोड़कर रेस्क्यू की कोशिश हो रही थी, इस दौरान आग बढ़ने लगी और ऊपर के फ्लोर पर धुआं बढ़ता देख मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कवायद शुरू की। इसके बाद आग तो बुझने लगी लेकिन धुआं बढ़ने लगा। जिसको खत्म करने के लिए अस्पताल के बाहर लगे शीशे को तोड़कर राहत देने की कोशिश शुरू हुई। जब धुआं कम होने लगा तो आईसीयू में लगभग 10 मरीज  मौजूद थे उन  मरीजों को दूसरे कमरे में शिफ्ट करने की कवायद शुरू हुई, जो आग की वजह से यहां फंस गए थे।

चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह ने बताया कि आग को पूरी तरह से काबू में करने के लिए लगभग एक घंटे से ज्यादा वक्त लगा। दो से ज्यादा फायर गाड़ियों की मदद से आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया है। सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। फिलहाल अस्पताल का फायर फाइटिंग इक्विपमेंट बेहतर तरीके से काम कर रहा है, लेकिन आग लगने के कारण वे अन्य जांच की जाएगी कि कोई कमी तो नहीं थी। वहीं आग लगने की सूचना के बाद आईसीयू में भर्ती मरीजों के तीमारदार अस्पताल के बाहर काफी परेशान रहे। अस्‍पताल प्रबंधन के अनुसार ऑपरेशन थियेटर की मशीनों को क्षति पहुंची है, नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

जिले के अस्पतालों में नहीं है फायरब्रिगेड की एनओसी

अमूमन, जिले के अस्पतालों में आगजनी की घटना के बाद तैयारियों की कलई खुल जाती है। ठोस वजह यह है कि यहां संचालित लगभग 90 फीसदी अस्पतालों को फायरब्रिगेड की तरफ से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी नहीं हुआ है। लिहाजा, सुरक्षा की दृष्टि से समय- समय पर अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठते रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस बाबत कुछ वर्ष पहले उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दाखिल हो चुकी है। याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय को मऊ और वाराणसी में संचालित ऐसे अस्पतालों का बोध कराया था। बुधवार को महमूरगंज स्थित अस्पताल में हुई घटना के दौरान भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। हालांकि अस्पताल के कर्मचारियों ने ततपरता दिखाई और बड़ा हादसा होने से पहले ही टल गया। थोड़ी देर बाद पहुंचे अग्निशमन दल ने हालात को पूरी तरह से नियंत्रित कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार यहां वर्ष 2010 से लेकर 2017 तक फायरब्रिगेड की अनापत्ति थी। लेकिन समय के साथ बदली नियमावली के चलते यह एनओसी अग्रिम वर्षों के लिए नियमित नहीं हो सकी। अस्पताल के प्रशासक मनोज उपाध्याय ने बताया कि एनओसी के लिए आवेदन प्रक्रिया में है। दो दिन पहले फायर अफसरों ने अस्पताल का जायजा लिया था।

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