वाराणसी कैंट डिपो के अंदर खड़ी बस में लगी आग, परिचालक की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
कैंट डिपो में शुक्रवार को तड़के शार्ट सर्किट से एक खड़ी बस में आग लग गई। विकराल रूप धारण करने से पहले ही वहा मौजूद परिचालक की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया। आग की चपेट में आने से बस के अगले हिस्से में काफी क्षति पहुंची है।
वाराणसी, जेएनएन। सिगरा थानांतर्गत कैंट डिपो में शुक्रवार को तड़के शार्ट सर्किट से एक खड़ी बस में आग लग गई। विकराल रूप धारण करने से पहले ही वहा मौजूद परिचालक की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया। आग की चपेट में आने से बस के अगले हिस्से में काफी क्षति पहुंची है। फोरमैन और अधिकारी क्षति का आकलन करने में जुटे हुए हैं।
बहरहाल, घटना के दौरान एक बार फिर बड़ी विभागीय लापरवाही सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार कैंट डिपो स्थित वाशिंग शेड में काशी दर्शन सेवा बस (Up65ईटी4150) एक दिन पहले से खड़ी थी। सुबह लगभग पांच से छह बजे के बीच बस के अंदर से धुआं उठने लगा गया। गाड़ी स्वतः स्टार्ट हो गई। धुएं के गुबार और अत्यधिक तापमान के चलते बस का शीशा भी टूट गया। फ्यूलिंग स्टेशन पर अपनी बस (up77एएन0513) में डीजल ले रहे चालक सुभाष सिंह की निगाह पड़ी तो उन्होंने शोर मचाया।
वहीं बिना समय गंवाए परिचालक संतोष कुमार सिंह ने बहादुरी का दिया। और बस के अंदर घुसकर आग बुझाने का प्रयास किया। बैटरी का टर्मिनल कनेक्शन हटाने पर भी आग नहीं बुझी। फौरन पानी फेंक कर आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया। एहतियातन आसपास खड़ी बसों को वहा से दूर किया गया। कैंट डिपो में संतोष की बहादूरी के चर्चे हो रहे हैं।
फिर खुली संरक्षा की पोल : कैंट बस डिपो में आग की घटना से एक बार फिर संरक्षा नियमों में विभागीय लापरवाही की पोल खुल गई। रोडवेज बस के अंदर अग्निकांड के दौरान आग पर नियंत्रण पाने के लिए कोई उपकरण नही है। कुछ गाड़ियों में लगे अग्निशमन यंत्र सिर्फ शोपीस बने हुए हैं। यदि ये उपकरण कार्य करते तो आग बुझाने में त्वरित कार्रवाई हो सकती थी। विभाग के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।