वाराणसी के निजी अस्पताल पर एफआइआर दर्ज, बिना योग्य डाक्टर के ही संचालित हो रहा था हास्पिटल

वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के काजीसराय गढ़वा में संचालित सिंह हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर मंगलवार की शाम धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोविड मरीज को भर्ती करने के नाम पर 3.50 लाख रुपये की मांग की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:10 AM (IST)
वाराणसी के निजी अस्पताल पर एफआइआर दर्ज, बिना योग्य डाक्टर के ही संचालित हो रहा था हास्पिटल
अस्‍पताल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। बड़ागांव थाना क्षेत्र के काजीसराय गढ़वा में संचालित सिंह हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर मंगलवार की शाम धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बीते दिनों एक मरीज के स्वजन ने आरोप लगाया था कि सिंह हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर ने कोविड मरीज को भर्ती करने के नाम पर 3.50 लाख रुपये की मांग की है। वहीं मरीजों से रुपये लेने के बाद बिना बिल के उन्हेंं वापस कर दिया जा रहा है।

मरीजों की संख्या के आधार पर आइसीयू के बेड भी मनमानी तरीके से बढ़ा दिए जा रहे है। मरीज को एक से दूसरे हास्पिटल में शिफ्ट करने के लिए आठ से 10 हजार रुपये तक ऐंठ लिए जा रहे हैं। अस्पताल में कोरोना मरीजों की भर्ती व अनियमितता संबंधित खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीयूष राय एवं चिकित्साधिकारी डा. अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच कराई। जांच में पाया गया बिना योग्य चिकित्सक के अस्पताल संचालित कराया जा रहा है। अस्पताल के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से जारी पंजीयन का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है। चिकित्सालय द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन एवं कोविड नियमों का भी उल्लंघन किया जा रहा है।

वर्तमान में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कोविड चिकित्सालय का अनुमोदन न होने के बाद भी कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया उक्त अस्पताल की मनमानी की जानकारी समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से हुई, जिसके बारे में कई मरीजों के परिवारीजनों ने भी शिकायत की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना दी गई है। नियमों के उल्लंघन करने वाले निजी अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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