चंदौली के पड़ाव में बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल की जानिए कुछ विशेषताएं
चंदौली जिले के पड़ाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया तो लोगों के जेहन में एकात्म मानववाद के प्रणेता की स्मृतियां जीवंत हो गईं।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चंदौली जिले के पड़ाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया तो लोगों के जेहन में एकात्म मानववाद के प्रणेता की स्मृतियां जीवंत हो गईं। स्मृति स्थल को जनता को लोकार्पित किया गया तो रविवार से ही परिसर में पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया। वहीं सोमवार को भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल पर लोगों का जमावड़ा हुआ और सेल्फी पॉइंट पर लोगों ने खूब तस्वीरें भी लीं और सोशल मीडिया पर शेयर किया। आइए जानें स्मृति स्थल और इसकी विशेषताओं के बारे में-
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय 10 फरवरी- 1968 को सियालदह एक्सप्रेस से लखनऊ से पटना जा रहे थे। रात में मुगलसराय स्टेशन (अब पीडीडीयू नगर जंक्शन) मास्टर को खंभा नंबर 1276 पर पं. दीनदयाल उपाध्याय का शव पड़ा मिला था।
-चंदौली जिले के मुगलसराय रेलवे स्टेशन (अब पीडीडीयू नगर जंक्शन) के पास जहां मिला था शव उसे उनके अंतिम पड़ाव के रूप में सरकार विकसित कर रही है।
-गृहमंत्री और भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पांच अगस्त- 2018 को चंदौली के मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन करने की घोषणा की थी।
-पांच अगस्त-2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंडित दीनदयाल स्मृति स्थल की घोषणा करते हुए भाजपा गृहमंत्री के हाथों शिलान्यास करवाया था।
-पड़ाव चौराहे पर गन्ना विकास संस्थान की करीब 3.67 हेक्टेयर जमीन में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल बनाया गया।
-स्मृति स्थल का डीपीआर 126.07 करोड़ का है, पहले फेज में 39.74 करोड़ रुपये स्वीकृत।
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल की कार्यदायी एजेंसी वीडीए (वाराण्सी विकास प्राधिकरण) है।
-जयपुर की कंपनी ने बनाई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा।
यह भी हुए काम : प्रतिमा स्थापना के अलावा इंटरप्रिटेशनवॉलपर पत्थर लगाना, ओपेन एयरथियेटर, कुंड, मेडिटेशन सेंटर, पॉथवे, एसटीपी निर्माण, लॉन, वॉटर चैनल, पानी फिल्टरेशन यूनिट, एचटी पैनल, फव्वारा, गार्ड रूम व बाउंड्री वॉल, सैंड स्टोन आदि का निर्माण होना है।