वाराणसी सहित प्रदेश के हर मंडल में खुलेगा फैशन इंस्टीट्यूट, शासन को भेजा गया है प्रस्ताव

शिल्पियों व बुनकरों के हुनर को न केवल वैश्विक पहचान दिलाने बल्कि बाकायदा पाठ्यक्रम बनाकर संरक्षित व समृद्ध करने के मकसद से उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन एंड रिसर्च (यूपीआइडीआर) बनारस के साथ ही प्रदेश के हर मंडल में फैशन इंस्टीट्यूट का विस्तार केंद्र स्थापित करेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 05:40 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 05:40 AM (IST)
वाराणसी सहित प्रदेश के हर मंडल में खुलेगा फैशन इंस्टीट्यूट, शासन को भेजा गया है प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश डिजाइन और अनुसंधान संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। शिल्पियों व बुनकरों के हुनर को न केवल वैश्विक पहचान दिलाने, बल्कि बाकायदा पाठ्यक्रम बनाकर संरक्षित व समृद्ध करने के मकसद से उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन एंड रिसर्च (यूपीआइडीआर) बनारस के साथ ही प्रदेश के हर मंडल में फैशन इंस्टीट्यूट का विस्तार केंद्र स्थापित करेगा। इससे बुनकर व शिल्पी अपने ही क्षेत्र में पारंपरिक विधा में तकनीकी रूप से दक्ष होंगे और वैश्विक जरूरतों के मुताबिक खुद को ढाल भी सकेंगे। यही नहीं, संस्थान को विश्वविद्यालय बनाने की भी पहल तेज हो गई है, जो तकनीकी रूप से शिल्प को नया आयाम देगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। प्रदेश में हस्तशिल्प की दशा व दिशा एवं शिल्पियों की स्थिति बेहतर बनाने की भावी रणनीति पर संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला से बात की दैनिक जागरण संवाददाता ने। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश...।

-वर्तमान में संस्थान का स्वरूप क्या है?

-उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं अनुसंधान संस्थान (यूपीआइडीआर) में 90 सीटों पर तीन वर्ष का डिप्लोमा कोर्स संचालित हो रहे हैं। इसमें अपेरल डिजाइन एंड फैशन टेक्नोलाजी, कास्ट्यूम डिजाइन एंड गारमेंट टेक्नोलाजी व क्राफ्ट टेक्नोलाजी शामिल हैं। एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी छात्रों के लिए उपलब्ध हैं। संस्थान में 3-डी प्रोडक्ट लैब, पैकेङ्क्षजग लैब भी बन रहे हैं।

-छात्रों को प्रमाणपत्र कहां से दिया जा रहा है?

-हमारा संस्थान वर्तमान में एआइसीटीई (आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन) से मान्यता प्राप्त है। इसलिए विश्वविद्यालय बनने तक एआइसीटीई से ही प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं।

-विश्वविद्यालय बनाने के क्रम में क्या-क्या किए जा रहे हैैं?

-शहीद पथ-लखनऊ के पास चार एकड़ में संस्थान बना हुआ है। पास में ही 16 एकड़ जमीन और मिल गई है। विश्वविद्यालय के लिए जमीन की समस्या तो दूर हो गई है। एक्ट के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है।

- स्नातक व परास्नातक कोर्स कब से संचालित होंगे?

-अगले साल से स्नातक के डिग्री कोर्स शुरू हो जाएंगे। इसके लिए चार विभाग खोले जाएंगे। कुल मिलाकर लगभग 200 सीटें हो जाएंगी।

-विस्तार केंद्र कहां-कहां खोले जाएंगे और इससे क्या लाभ होगा?

-प्रदेश में 18 मंडल हैं। सभी में संस्थान के विस्तार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसकी शुरूआत सबसे पहले वाराणसी से होगी। केंद्र खुलने से वाराणसी सहित पूर्वांचल के शिल्पियों-बुनकरों को तकनीकी ज्ञान के साथ प्रमाणपत्र मिलेगा। दाखिले में भी शिल्पियों-बुनकरों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।   

-वर्तमान में आपके संस्थान की ओर से शिल्पियों-बुनकरों के लिए क्या किया जा रहा है?

-संस्थान की ओर से पूर्वांचल के सात जिलों-देवरिया, गाजीपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, चंदौली, आजमगढ़ व वाराणसी के 280 अनुसूचित जनजाति के कामगारों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी हाल ही में वाराणसी में 'काशी में आदिवासी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। अन्य शिल्पियों के लिए भी संस्थान के 125 डिजाइनरों ने 45 जिलों के करीब 5000 करीगरों को प्रशिक्षण दिया। उन्हें सीधा बाजार से जोडऩे के लिए बायर्स-सेलर मीट का भी आयोजन समय-समय पर किया जा रहा है।

-प्रशिक्षण का क्या उद्देश्य है?

-आदिवासी बहुल क्षेत्रों के कामगारों में हुनर की कमी नहीं है। बस उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसी मकसद के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि उनके उत्पादों की विश्वस्तरीय डिजाइङ्क्षनग हो सके और उचित बाजार मिले।

-उनके उत्पादों को बाजार कैसे मिलेगा?

-इसके लिए ट्राईफेड (द ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया) से समझौता हो चुका है। शिल्पियों के उत्पाद को हमारे संस्थान के माध्यम से सीधे ट्राईफेड के शो-रूम में पहुंचाया जाएगा।

क्षिप्रा शुक्ला के बारे में जानें

नाम : क्षिप्रा शुक्ला

पद : अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन एंड रिसर्च

पश्चिमी लखनऊ विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे रामकुमार शुक्ला की पुत्री क्षिप्रा शुक्ला लखनऊ विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन के साथ ही मध्यकालीन एवं आधुनिक भारतीय इतिहास से परास्नातक हैं। निफ्ट दिल्ली से हैंडीक्राफ्ट एंड डिजाइन का कोर्स किया है। लखनऊ के प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार से तीन वर्षों तक जुड़ी रहीं। सामाजिक संस्था आयुष से जुड़कर लखनऊ व आस-पास की 2500 महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर सीधा बाजार से जोड़ा। 2017 से उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं अनुसंधान संस्थान की अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल रही हैं।

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