मशहूर अदाकारा फर्रुख जफर का निधन, जौनपुर में थीं तीन बार निर्विरोध ग्राम प्रधान

जौनपुर के कलापुर निवासी यह मशहूर अदाकारा चकेसर गांव की तीन बार निर्विरोध ग्राम प्रधान भी रहीं। निधन से जनपदवासी शोकाकुल हैं। भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह विधायक ललई यादव समेत तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनपद की अपूरणीय क्षति बताया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:52 PM (IST)
मशहूर अदाकारा फर्रुख जफर का निधन, जौनपुर में थीं तीन बार निर्विरोध ग्राम प्रधान
जौनपुर के कलापुर निवासी यह मशहूर अदाकारा चकेसर गांव की तीन बार निर्विरोध ग्राम प्रधान भी रहीं।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा फर्रुख जफर का शुक्रवार की रात लखनऊ के सहारा अस्पताल में शनिवार की रात निधन हो गया। दस दिन पूर्व ब्रेन स्ट्रोक हो गया था। जौनपुर के कलापुर निवासी यह मशहूर अदाकारा चकेसर गांव की तीन बार निर्विरोध ग्राम प्रधान भी रहीं। निधन से जनपदवासी शोकाकुल हैं। भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह, विधायक ललई यादव समेत तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनपद की अपूरणीय क्षति बताया है।

उमराव जान से फिल्मी कैरियर की शुरुआत करने वाली फर्रुख ने आखिरी बार गुलाबो सिताबो में अमिताभ बच्चन की बेगम का किरदार निभाया था। पीपली लाइव ने उन्हें खासी शोहरत दिलाई थी। बेगम फर्रुख जाफ़र भादी के एक बड़े ज़मीदार परिवार में पैदा हुईं। उनकी शादी कलापुर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त परिवार में हुई। शौहर अली जाफर स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस के बड़े लीडर थे। वह कई वर्षों तक विधान परिषद के सदस्य भी रहे। बेगम फर्रुख के पति अली जाफर का ताल्लुक उर्दू सज्जाद जहीर के खानदान से था। जिनकी शोहरत भारतीय उप महाद्वीप के अलावा यूरोप और एशिया के दर्जनों मुल्कों में थी। जीवन का काफी वक्त उन्होंने चकेसर गांव मे गुजारा, जहां उनकी पैतृक संपत्तियां थीं। तीन बार चकेसर गांव की निर्विरोध ग्राम प्रधान भी चुनी गईं।

बेगम फर्रुख जफर ने कैरियर की शुरूआत सन 1963 में आल इंडिया रेडियो में बतौर अनाउंसर की।

वह भारत की पहली महिला अनाउंसर थीं। बाद में उन्होंने हिंदी सिनेमा की तरफ रुख किया। पहली ही फिल्म उमराव जान में सदाबहार अभिनेत्री रेखा की मां का किरदार निभाया। भारतीय मीडिया पर बनी व्यंगात्मक फिल्म पीपली लाइव ने उन्हें खासी शोहरत दिलाई। सलमान खान सुल्तान , शाहरुख खान की स्वदेश जैसी फिल्मों के साथ ही लखनऊ के नवाबी कल्चर पर हाल ही में बनी गुलाबो सिताबो में बेगम फर्रुख जफर आन स्क्रीन अमिताभ बच्चन की बेगम बनी। गुलाबो सिताबो उनकी आखिरी फिल्म थी। उन्होंने 89 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी दो बेटियों में एक महरु जफर एक अखबार की बड़ी पत्रकार हैं और दूसरी बेटी लखनऊ में कांवेंट स्कूल चलाती हैं।

सिनेमा जगत से जुड़े होने के बावजूद वह अपनी धरती से भी खासा जुड़ाव रखती थीं। चकेसर गांव की तरक्की और बालिकाओं की शिक्षा के लिए काफी फिक्रमंद रहती थीं। भादी में उन्होंने 25 मोहर्रम का जुलूस कायम किया। जिसमें हर साल हजारों लोग शिरकत करते हैं। करीब डेढ़ दशक तक वह खुद जुलूस में शामिल होने भादी आया करती थीं।

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