बच्चों संग परिवारीजन का रहना होगा जरूरी, वाराणसी में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की तैयारी

तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हर जिले में 100 बेड का एनआइसीयू बनाने का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। अधिक मात्रा में पीपीई किट का इंतजाम करना होगा। टाइल स्लॉट के अनुसार परिवार के सदस्यों को तीमारदारी करनी होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:06 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:06 PM (IST)
बच्चों संग परिवारीजन का रहना होगा जरूरी, वाराणसी में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की तैयारी
तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

वाराणसी, जेएनएन। तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हर जिले में 100 बेड का एनआइसीयू बनाने का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। इसी क्रम में मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी व रवींद्र जायसवाल ने बुधवार को नगर के प्रसिद्ध बाल राेग विशेषज्ञ डाक्टरों से भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से संवाद किया। इस दौरान कई डाक्टरों ने अस्पताल में बच्चों के इलाज को लेकर चिंता जाहिर की। कहना था कि वार्ड में अकेले रहना संभव नहीं लग रहा है। इसलिए अधिक मात्रा में पीपीई किट का इंतजाम करना होगा। टाइल स्लॉट के अनुसार परिवार के सदस्यों को उनकी तीमारदारी करनी होगी। इसके अलावा कई महत्वूपर्ण सुझाच आए जिसे क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने सूचीबद्ध किया।

बीएचयू के प्रो.अशोक कुमार ने कहा कि बच्चों के लिए जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज को चिन्हित किया जाना चाहिए। नवजात व उससे बड़े बच्चों के लिए संशाधनों की मुकम्मल व्यवस्था करनी होगी क्योंकि बच्चों का वेंटिलेटर और पल्स ओक्सीमीटर अलग होता है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप जिंदल ने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को चिन्हित करना होगा। साथ ही इक्यूपमेंट व संसाधनों की व्यवस्था करनी होगी। डा. राजेश खन्ना ने कहा कि सरकार से अनुमति लेकर 12 साल से ऊपर के बच्चों को वेक्सीनेट किया जाना चाहिए। वेक्सीनेशन से ही कोरोना की रफ्तार को रोका जा सकता है। डा. आलोक सी भारद्वाज ने कहा कि निजी और राजकीय चिकित्सालयों को मिलकर काम करना होगा। वेक्सीनेशन तेजी किया जाए। बाल रोग विशेषज्ञों का एक ग्रुप बनाया जाए। डा. बृजेश कुमार ने कहा कि इसमें कोई शक नही कि छोटे बच्चों को अलग रखना मुश्किल है। इसके लिए अभिभावकों को जागरूक होना पड़ेगा।

घर में पीपीई किट आदि की व्यवस्था करनी होगी। डा. दिव्यांग पाठक ने कहा कि हल्के लक्षण पर डाक्टर की परामर्श हितकर होगी। सभी इक्यूपमेंट आदि की मुकम्मल व्यवस्था करनी होगी। डा. केके ओझा ने कहा कि वेक्सीनेशन से ही प्रकोप को कम किया जा सकता है। एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के सवाल पर डाक्टरों ने बताया कि बच्चों के लिए दवा का मानक तय करना कठिन होता है। बच्चों के वजन को आधार बनाकर दवा दी जाती है। एमएलसी अशोक धवन, विधायक डा. अवधेश सिंह, सौरभ श्रीवास्तव व सुरेंद्र नारायण सिंह, डा. अमित जैन, डा. मधुकर पांडेय आदि ने भी अपने विचार रखे। संचालन डा. एनपी सिंह ने किया।

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