शोध-अनुसंधान : वैक्सीनेशन के बाद भी डेल्टा वैरिएंट का खतरा जरूर लेकिन जानलेवा नहीं, बीएचयू के विज्ञानियों ने किया दावा

कोरोना का दोनों टीका लगवाने के बाद भी दूसरी लहर में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट संक्रमित कर सकता है। हालांकि टीका लगवा चुके लोगों के लिए यह जानलेवा साबित नहीं होगा। सिर्फ सामान्य सर्दी जुखाम खांसी की तकलीफ होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:10 AM (IST)
शोध-अनुसंधान : वैक्सीनेशन के बाद भी डेल्टा वैरिएंट का खतरा जरूर लेकिन जानलेवा नहीं, बीएचयू के विज्ञानियों ने किया दावा
दोनों टीका लगवाने के बाद भी दूसरी लहर में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट संक्रमित कर सकता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोरोना का दोनों टीका लगवाने के बाद भी दूसरी लहर में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट संक्रमित कर सकता है। हालांकि टीका लगवा चुके लोगों के लिए यह जानलेवा साबित नहीं होगा। सिर्फ सामान्य सर्दी, जुखाम, खांसी की तकलीफ होगी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने जीनोम सिक्वेंसिग के अध्ययन के बाद यह दावा किया है।

बीएचयू के मल्टी डिस्प्लनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) लैब की इंचार्ज प्रो. रोयना सिंह की टीम ने पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के दोनों टीका लगवा चुके 14 ऐसे लोगों का सैंपल जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे को सौंपा, जिनमें कोरोना के लक्षण थे।। प्रो. चौबे ने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल हैदराबाद स्थित सेंटर फार सेलुलर एंड मालिक्युलर बायोलाजी( सीसीएमबी) भेजा। इनमें से 11 लोगों में डेल्टा वैरिएंट (वी.1.617.2) पाया गया। तीन अन्य लोगों में वैरिएंट का निर्धारण नहीं हो सका है। यानी 79 फीसद लोग वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमण (ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन) का शिकार हुए।

सुकून की बात, कोई गंभीर नहीं

अच्छी बात यह रही कि इनमें से किसी में भी कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं मिले। उन्हें केवल हल्की सर्दी, खांसी और जुकाम था। प्रयोग में शामिल दो लोग ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के गंभीर मरीज भी थे। इन्हें भी कोई गंभीर दिक्कत नहीं हुई।

पूर्वांचल के 37 फीसदी लोगों में था डेल्टा वैरिएंट

पूर्वांचल में 37 फीसदी कोरोना संक्रमित डेल्टा वैरिएंट से प्रभावित थे। शोध में शामिल 14 लोगों के सैंपल अप्रैल में लिए गए थे। उस समय दूसरी लहर अपने चरम पर थी। यह शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल मेड आर्काइव के 23 सितंबर के डिजिटल अंक में प्रकाशित हुआ है।

लगातार चौथे दिन नहीं मिला पाजिटिव

मंडलीय हास्पिटल की लैब से शुक्रवार को मिले 5502 सैंपलों परिणाम में सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही। वहीं हाेम आइसोलेशन के एक मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे स्वस्थ घोषित कर दिया गया। लगातार चार दिनों से जनपद में कोई पाजिटिव मरीज न मिलने से स्वास्थ्य महकमा राहत की सांस ले रहा है। वर्तमान में सक्रिय काेरोना मरीजों की संख्या पांच है। अब तक 82396 पाजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से 81618 स्वस्थ भी हो चुके हैं और 773 की मौत हो चुकी है। वहीं 2665 सैंपल पेंडिंग हैं, जिनके परिणाम का इंतजार है।

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