वाराणसी में नियुक्ति के बाद भी कार्यकारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा अशासकीय महाविद्यालय

चयनित प्राचार्यों की सूची में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों के 16 एसोसिएट प्रोफेसर भी शामिल है। इसके बावजूद चयनित प्राचार्यो का पदस्थापन अब तक नहीं हो सका है। हालत यह है कि नियुक्ति के बाद भी अशासकीय महाविद्यालय कार्यकारी प्राचार्य के भरोसे अब भी चल रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:30 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:30 AM (IST)
वाराणसी में नियुक्ति के बाद भी कार्यकारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा अशासकीय महाविद्यालय
वाराणसी में नियुक्ति के बाद कार्यकारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा अशासकीय महाविद्यालय।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। अनुदानित महाविद्यालयों काे अब तक स्थायी प्राचार्य नहीं मिल सके हैं। जबकि उच्चतर शिक्षा आयोग (प्रयागराज) 13 अगस्त को चयनित 290 प्राचार्यों की सूची जारी भी कर दी थी। इसके अलावा 66 अभ्यर्थी प्रतीक्षा सूची में शामिल किए गए थे। चयनित प्राचार्यों की सूची में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों के 16 एसोसिएट प्रोफेसर भी शामिल है। इसके बावजूद चयनित प्राचार्यो का पदस्थापन अब तक नहीं हो सका है। हालत यह है कि नियुक्ति के बाद भी अशासकीय महाविद्यालय कार्यकारी प्राचार्य के भरोसे अब भी चल रहे हैं। ऐसे में करीब दो दशक स्थिति अब भी बनी हुई है।

वर्तमान में सूबे के 316 अनुदानित महाविद्यालयों में ज्यादातर कालेज कार्यवाहक प्राचार्य के भरोसे चल रहा है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय (बलिया) व वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) से संबद्ध 60 अनुदानित महाविद्यालयों में एक भी स्थायी प्राचार्य नहीं है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग ने 26 जून 2017 को प्राचार्यों के 284 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया। बाद में संशोधित विज्ञापन में प्राचार्यों के रिक्त पदों की संख्या 290 कर दी गई। इस क्रम में 29 अक्टूबर 2020 को लिखित परीक्षा भी कराई गई। परीक्षा के बाद 610 लोगों को साक्षात्कार के लिए अर्ह घोषित किया गया। नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए आयोग ने 21 मार्च में साक्षात्कार भी शुरू कर दिया। इस बीच कोरोना महामारी का प्रकोप बढऩे के के कारण आयोग को चयन प्रक्रिया पर ब्रेक लगना पड़ा। इसके बाद आयोग ने सात जुलाई से पुन: साक्षात्कार शुरू किया जो 12 अगस्त तक चला। बहरहाल आयोग द्वारा प्राचार्यों की चयन प्रक्रिया पूरी होने पर अध्यापकों में हर्ष है।

जनपद से इन अध्यापकों का हुआ है चयन : हरिश्चंद्र पीजी कालेज से अनिल प्रताप सिंह, उदयन मिश्र, विधि विभाग के डा. विजय कुमार राय, शारीरिक शिक्षा विभाग के डा. विजय कुमार राय, डा. प्रदीप पांडेय, डा.वीरेंद्र निर्मल, यूपी कालेज से डा. सुंनदा दुबे, डा. रमेश धर द्विवेदी डा. नागेंद्र द्विवेदी, डा. प्रमोद कुमार सिंह, डा. संजीव सिंह, डा.आशुतोष गुप्ता, बलदेव पीजी कालेज के डा.आशुतोष कुमार तथा अग्रसेन कन्या पीजी कालेज की डा. मिथिलेश सिंह।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने पदस्थापन की उठाई मांग : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की उच्च शिक्षा इकाई ने नवनियुक्त प्राचार्यों के पदस्थापक का प्रकरण उठाया है। इस संबंध में संयुक्त महामंत्री डा. जगदीश सिंह दीक्षित ने राज्यपाल ने चयनित प्राचार्यों की यथाशीघ्र पदस्थापन कराने का अनुरोध किया है।

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