शासन में फाइनल होगी वाराणसी के नए कमिश्नरी भवन की डिजाइन, राज्य स्तरीय समिति को भेजी गई फाइल
कमिश्नरी परिसर में एकीकृत मंडलीय कार्यालय का निर्माण प्रस्तावित है। भगवान भोले शंकर के डमरू के आकार का बनेगा। यह प्रोजेक्ट वाराणसी विकास प्राधिकरण को पूरा करना है जिसकी फाइल विकास प्राधिकरण ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले राज्य स्तरीय समिति को समक्ष के लिए भेजी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कमिश्नरी परिसर में एकीकृत मंडलीय कार्यालय का निर्माण प्रस्तावित है। भगवान भोले शंकर के डमरू के आकार का बनेगा। यह प्रोजेक्ट वाराणसी विकास प्राधिकरण को पूरा करना है जिसकी फाइल विकास प्राधिकरण ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले राज्य स्तरीय समिति को समक्ष के लिए भेजी है। 17 सदस्यीय समिति के फाइनल निर्णय के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यह निर्णय सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रजेंटेशन दिखाने के बाद लिया गया है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल व विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन की मौजूदगी में एक जून को यह प्रजेंटेशन सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष किया गया था। सीएम ने इस परियोजना पर अपनी सहमति दी जिसके बाद बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर के साथ 16 मंजिला इस भवन की डिजाइन में बदलाव करने का निर्णय लेते हुए इसे शिव के डमरू के आकार में करते हुए इसकी फाइल अब शासन को भेजी गई है।
वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि राज्य स्तरीय समिति को भेजी गई फाइल में सभी 17 पदेन अधिकारी हैं। इसमें मुख्य सचिव अध्यक्ष के अलावा कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव राजस्व, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव आवास, अपर मुख्य सचिव नगर विकास, अपर मुख्य सचिव कर एवं निषेधन विभाग, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव न्याय, वाराणसी मंडलायुक्त, विशेष अधिकारी भूमि-मुद्रीकरण विभाग, विशेष अधिकारी मुख्य ग्राम एवं नियोजन एवं आयुक्त आवास विकास परिषद हैं। ईशा दुहन ने बताया कि यह बिल्डिंग पूरी तरह से इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के मानक पर होगी। ऊर्जा संरक्षण के साथ ही यह भवन पूरी तरह से मानव-पर्यावरण के अनुकूल होगा। 175 करोड़ से अधिक लागत वाले इस भवन की प्लेटिनम रेटिंग की जाएगी। इसके लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फार प्रपोजल) मांगी गई है। करीब 50 हजार वर्गमीटर के निॢमत क्षेत्र वाले इस भवन में विभिन्न इलाकों में काम कर रहे 45 सरकारी विभाग शिफ्ट होंगे। दो टावर आमने-सामने बनेंगे। दोनों टावर ग्रीन बिल्डिंग के मानक पर होंगे।