बलिया जिले में गंगा और सरयू में बढ़ाव जारी, परवल के किसानों संग चिंतित तटवर्ती लोग

लगातार हो रही बारिश के बीच नेपाल के वाल्मीकि नगर बराज के सभी 36 फाटकों को बुधवार को खेल दिया गया है। वहां से 4.15 लाख क्यूसेक पानी पानी छोड़े जाने का असर बलिया की गंगा और सरयू नदी में भी दिखने लगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:20 AM (IST)
बलिया जिले में गंगा और सरयू में बढ़ाव जारी, परवल के किसानों संग चिंतित तटवर्ती लोग
नेपाल के वाल्मीकि नगर बराज के सभी 36 फाटकों को बुधवार को खेल दिया गया है।

बलिया, जेएनएन। लगातार हो रही बारिश के बीच नेपाल के वाल्मीकि नगर बैराज के सभी 36 फाटकों को बुधवार को खोल दिया गया है। वहां से 4.15 लाख क्यूसेक पानी पानी छोड़े जाने का असर बलिया की गंगा और सरयू नदी में भी दिखने लगा है। गंगा व सरयू के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। गंगा और सरयू के किनारे परवल की खेती करने वाले किसान जून में नदी के बढ़ाव से चिंतित हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि का क्रम यदि ऐसे जारी रहा तो उनके परवल के खेत भी डूब जाएंगे। किसानों का लाखों का नुकसान होगा। गंगा का गायघाट में खतरा बिंदु 60.32 मीटर है, जबकि चांदपुर में सरयू का खतरा बिंदु 58.00 है। शनिवार को गायघाट में 57.480 मीटर जल स्तर दर्ज किया गया, वहीं चांदपुर में सरयू का जल स्तर 56.60 मीटर दर्ज किया गया। दोनों नदियों में धीमी गति से ही लगातार जलस्तर बढ़ाव पर है।

बारिश के चलते अधूरे रह जाएंगे कटानरोधी कार्य

गंगा और सरयू दोनों नदियों में बढ़ाव और बारिश के चलते जनपद के कई स्थानों पर कटानरोधी कार्य अधूरे रह जाएंगे। 12 परियोजनाओं पर कटानरोधी कार्य चल रहा है। अधिशासी अभियंता संजय मिश्र का कहना है कि इसमें चार परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष का कार्य 75 फीसद हो चुका है।

सभी को सताने लगा तबाही का डर

जनपद में बाढ़ से हर साल बड़ी तबाही होती है। बारिश के साथ जून से ही तबाही का सिलसिला शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस साल पहले से ही नदियों के तेवर तल्ख दिख रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अभी तक बाढ़ के बीच राहत के संबंध में कोई प्लान तैयार नहीं है। ऐसे में तटवर्ती लोग अभी से बाढ़ को लेकर भयभीत होने लगे हैं।

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