आजमगढ़ में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में त्रुटि, अंग्रेजी प्रवक्ता पर 10 हजार रुपये जुर्माना

भांति वसूली कर राजकीय कोष में जमा कराने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही तीन साल तक परिषद के समस्त पारिश्रम कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। ग्रामीण ज्ञानस्थली इंटर कालेज के प्रवक्ता पर परीक्षा समिति की ओर से यह कार्रवाई की गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:40 AM (IST)
आजमगढ़ में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में त्रुटि, अंग्रेजी प्रवक्ता पर 10 हजार रुपये जुर्माना
भांति वसूली कर राजकीय कोष में जमा कराने की तैयारी की जा रही है।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। यूपी बोर्ड की परीक्षा में कापियां जांचने में लापरवाही का मामला सामने आया है। इस बाबत जुर्माना की धनराधि जमा न करने पर भू-राजस्व की भांति वसूली कर राजकीय कोष में जमा कराने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही तीन साल तक परिषद के समस्त पारिश्रम कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। ग्रामीण ज्ञानस्थली इंटर कालेज के प्रवक्ता पर परीक्षा समिति की ओर से यह कार्रवाई की गई है।

यूृपी बोर्ड परीक्षा वर्ष 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में त्रुटि पाए जाने पर सचिव उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने संज्ञान लिया है। अंग्रेजी के प्रवक्ता सुभाष चंद को अब तीन साल के लिए उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन कार्य से अलग कर दिया गया है। साथ ही इन पर 10,000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। जुर्माना की धनराधि जमा न करने पर भू-राजस्व की भांति वसूली कर राजकीय कोष में जमा कराई जाएगी।

जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने बताया कि ग्रामीण ज्ञानस्थली इंटर कालेज पल्हना के अंग्रेजी प्रवक्ता सुभाष चंद्र ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में अनियमिता बरती है। सचिव उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने अवगत कराया है कि परीक्षा समिति की 28 जून को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रवक्ता सुभाष चंद प्रवक्ता को अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में की गई त्रुटि के लिए परिषद के समस्त पारिश्रमिक कार्यों के लिए तीन वर्ष तक आमंत्रित न किया जाए।

मुहम्मद मसूद खां इंटर कालेज मगरावां के प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस : डीआइओएस डा. वीके शर्मा ने बताया कि मुहम्मद मसूद खां इंटर कालेज मगरावां में प्रबंध समिति अस्तित्व में नही है। कालातीत प्रबंध समिति कार्य नहीं कर सकती है। फिर भी प्रबंधक मनमाने तरीके से अधिकार न होते हुए भी नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। इसलिए वेतन वितरण अधिनियम 1971 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रबंध समिति के चुनाव की प्रक्रिया गतिमान है। बिना वैध प्रबंधक के दायित्व निर्वहन करना अवैधानिक है।

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