बलिया जिले में ईओडब्ल्यू ने शासन में पेश की आइएएस डा. हरिओम की केस डायरी
जिले के 20 करोड़ के बहुचर्चित खाद्यान्न घोटाले मेें आरोपित आइएएस डा. हरिओम पर अब शासन का शिकंजा कसता दिख रहा है। इसी सप्ताह शासन ने आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) से उनकी 500 पेज की केस डायरी तलब कर ली।
बलिया, जेएनएन। जिले के 20 करोड़ के बहुचर्चित खाद्यान्न घोटाले मेें आरोपित आइएएस डा. हरिओम पर अब शासन का शिकंजा कसता दिख रहा है। इसी सप्ताह शासन ने आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) से उनकी 500 पेज की केस डायरी तलब कर ली। बीते सात जून को ईओडब्ल्यू वाराणसी के विवेचना अधिकारी कृष्ण मुरारी मिश्रा शासन मेें तलब किये गये। वे वहां पर न्याय एवं विधि परामर्श विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार सिंह के समक्ष पेश हुए। उनका पूरा बयान दर्ज किया गया। मामले से जुड़े साक्ष्यों पर मंथन हुआ। उनसे केस डायरी लिया गया। उन बिंदुओं पर खास पूछताछ हुई, जिसमें डा. हरिओम को आरोपित बनाया गया है।
विशेष सचिव ने फिलहाल अभियोजन स्वीकृति के लिये अब फाइल नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को भेज दी है। अब सालों से पेंडिंग इस मामले में शासन की सतर्कता बढ़ने से अफसरोें की धकड़ने भी बढ़ गई है। बता दें कि बलिया में वर्ष 2002 से 2006 के मध्य संपूर्ण रोजगार गारंटी योजना में मजूदरों को खाद्यान्न वितरण में घपला कर लिया गया। जिले का खाद्यान्न बिहार व प्रदेश के दूसरे जिलों में बेच दिया गया। सीबीसीआइडी की जांच में 6200 आरोपित बनाए गए। 17 ब्लाकों में 51 मुकदमा दर्ज किया गया था। चूंकि आइएएस डा. हरिओम उस वक्त सीडीओ पद पर तैनात थे, इसलिये इनके अलावा तीन अन्य सीडीओ को मुख्य आरोपित बनाया गया था।
बिहार रवानगी से पहले आरोपितों की अग्रिम जमानत की अर्जी
मामले में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के पूर्व जिला वित्त एवं लेखा अधिकारी समेत छह आरोपित इन दिनों बिहार के सिवान व मधुबनी जिले में रह रहे हैं। उन्हें गिरफ्तार करने के लिये ईओडब्ल्यू ने एक पखवारे पहले टीम गठित कर दी थी। बिहार रवानगी से पहले ही सभी आरोपितों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी है।ईओडब्ल्यू कोर्ट में जमानत के खिलाफ जवाब दाखिल करने की तैयारी में है, उसकी रिपोर्ट बनाई जा रही।