ढाई किलोमीटर लंबी गार्ड मुक्त ट्रेन में भी काम करेगा ईओटीटी डिवाइस, बनारस रेल इंजन कारखाना में हो रहा है निर्माण

ईओटीटी (एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) डिवाइस के सफल परीक्षण के बाद इसे मालगाडिय़ों में लगाने की तैयारी चल रही है। शुरुआती चरण में 250 सौ माल गाडिय़ों को इस डिवाइस से लैस किया जाएगा। बरेका में इसका निर्माण किया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 06:40 AM (IST)
ढाई किलोमीटर लंबी गार्ड मुक्त ट्रेन में भी काम करेगा ईओटीटी डिवाइस, बनारस रेल इंजन कारखाना में हो रहा है निर्माण
भारतीय रेल ने रेल परिचालन को अत्याधुनिक बनाने के लिए एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री उपकरण विकसित किया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। ईओटीटी (एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) डिवाइस के सफल परीक्षण के बाद इसे मालगाडिय़ों में लगाने की तैयारी चल रही है। शुरुआती चरण में 250 सौ माल गाडिय़ों को इस डिवाइस से लैस किया जाएगा। बरेका में इसका निर्माण किया जा रहा है। आरडीएसओ और बरेका के संयुक्त प्रयास से तैयार डिवाइस की क्षमता परखने के लिए भिन्न-भिन्न भौगोलिक परिक्षेत्र में ट्रायल किया जाएगा।

डिवाइस की खासियत यह है कि विश्व की बड़ी से बड़ी ट्रेन में चलाई जा सकती है। डिवाइस फेल होने की दशा में लोको पायलट और कंट्रोल को इसकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे भारतीय रेलवे में इओटीटी डिवाइस बहुत कारगर साबित होगी। उत्तर मध्य रेलवे में एक अगस्त को एक मालगाड़ी में सफलता पूर्वक ट्रायल हुआ। ट्रेन कानपुर से टुंडला तक बिना गार्ड के ही चलाई गई। इओटीटी डिवाइस के पूरी तरह से अस्तित्व में आने के बाद ट्रेनों में ब्रेकवान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बदले में कोच अथवा वैगन लगाया जा सकता है।

रेडियो लिंक से संवाद

रेडियो लिंक से लोको पायलट और डिवाइस के बीच संवाद स्थापित होता है। इओटीटी में मुख्य रूप से दो यूनिट होती हैं, अर्थात हेड आफ ट्रेन यूनिट (एचओटी) जो लोकोमोटिव पर लगा होता है और एक पोर्टेबल एंड आफ ट्रेन यूनिट (इओटी) होता है जो अंतिम वैगन के सेंटर बफर कपलिंग (सीबीसी) पर लगा होता है। इन दो इकाइयों को जोड़ा जाता है और एक रेडियो लिंक पर एक दूसरे के साथ संवाद करते हैं।

ट्रेन के अंतिम वाहन का ब्रेक पावर प्रेशर लोकोमोटिव के लोको कैब मे हेड ऑफ ट्रेन यूनिट (एचओटी) डिस्प्ले में ड्राइवर को प्रदर्शीत होता है। इसके तहत जब भी लोको पायलट द्वारा लोको कैब में आपातकालीन ब्रेक लगाया जाता है, तो अंतिम वाहन से भी आपातकालीन ब्रेक लग जाता है जिससे ट्रेन को नियंत्रित करने के लिए ब्रेकिंग दूरी और समय कम हो जाता है। इसके अलावा जब ट्रेन पाॄटग या डिरेलमेंट की स्थिति में अंतिम डिब्बे का बीपी दबाव स्तर निॢदष्ट सीमा के बाहर हो जाता है तब भी यह प्रणाली लोको पायलट को भी सचेत करेगी।

जीपीएस आधारित डिवाइस

परिवेशी प्रकाश की स्थिति के आधार पर एंड ऑफ ट्रेन यूनिट (इओटी) में स्वचालित स्विचिंग ऑन और ऑफ की सुविधायुक्त उच्च दृश्यता मार्कर लाइट प्रदान की गई है। इओटीटी में ट्रेन के स्थान, लंबाई और गति को इंगित करने के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) माड्यूल है। सर्वर पर डेटा के हस्तांतरण के लिए ग्लोबल सिस्टम आफ मोबाइल (जीएसएम) संचार माड्यूल का उपयोग होता है।

इस प्रौद्योगिकी से क्रांतिकारी बदलाव

यह प्रौद्योगिकी आने वाले दिनों में माल गाडिय़ों के संचालन में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। इलेक्ट्रिक लोको शेड, कानपुर के लोको नंबर 32266/डब्ल्यूएजी-9/सीएनबी में इओटीटी सिस्टम चालू कर दिया गया है। एक अगस्त 2021 को जीएमसी यार्ड और टूंडला सेक्शन के बीच एक मालगाड़ी में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ईओटीटी का फील्ड ट्रायल किया गया। ईओटीटी परीक्षण के उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।

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