वाराणसी में उद्यमियों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता का प्रमाणीकरण अत्यंत आवश्यक
एमएसएमई डीआई वाराणसी एवं दी स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को ओद्योगिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उद्यमियों द्वारा अपने उत्पाद का भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणीकरण करने की प्रक्रिया पर एक सार्थक एवं विस्तृत कार्यशाला आयोजित की गई।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारतीय मानक ब्यूरो लखनऊ शाखा एमएसएमई डीआई वाराणसी एवं दी स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को ओद्योगिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उद्यमियों द्वारा अपने उत्पाद का भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणीकरण करने की प्रक्रिया पर एक सार्थक एवं विस्तृत कार्यशाला आयोजित की गई।
दी स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटिया ने लखनऊ से आए हुए शाखा प्रमुख एके महाराणा का स्वागत करते हुए बताया कि उद्यमियों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता का प्रमाणीकरण अत्यंत आवश्यक है।आज प्रतिस्पर्धा के युग मे बाजार में स्वयं को स्थापित करने एवं अपनी उपस्थिति लगातार बनाये रखने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता का होना अतिआवश्यक है। आज की यह कार्यशाला का आयोजन इसी के लिए किया गया है। उन्होंने भारतीय मानक व्यूरो के लखनऊ कार्यालय से पधारे वैज्ञानिक एके महाराज से इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने का अनुरोध किया, जिससे सभी उद्यमियों को अपने अपने उत्पादों को भारत मानक ब्यूरो का सर्टिफिकेट लेने में आसानी हो सके कार्यशाला का संयोजन एमएसएमई के सहायक निदेशक वीके राणा ने किया।
एसोसिएशन के महामंत्री नीरज पारीक ने आज के समय में इसे उद्योग हित में बहुत जरूरी बताया क्योंकि बिना गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाए। इस कंपटीशन के ग्लोबलाइजेशन युग में टिके रहना संभव नहीं है एवं जो उद्यमी अपने उत्पादों में रिजेक्शन को जितना कम कर लेगा उतना ही उसकी उत्पादकता के लाभ में वृद्धि होगी। भारत मानक ब्यूरो लखनऊ से आए हुए शाखा प्रमुख एके महाराज ने भारत मानक ब्यूरो के सभी सर्टिफिकेट के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यह प्रोसेस का मानक तय नहीं करता इसमें यूनिट का मानक तय होता है। भले ही आप तीन-चार अलग-अलग नामों से अपने उत्पाद बना रहे हो लेकिन यदि वह सारे उत्पाद एक ही यूनिट में बन रहे हैं तो उस यूनिट का मानक तय होता है और उसी का पैसा लगता है।
भारत सरकार द्वारा कई उत्पादों यथा डीजल इंजन, फूड प्रोडक्ट्स , वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इत्यादि को भारत मानक ब्यूरो का सर्टिफिकेट लेना जरूरी हो गया है। फीस के बारे में बताया माइक्रो एवं लघु उद्योग के लिए सभी तरह की लाइसेंस फीस में 20फीसद की कटौती है एवं प्रति यूनिट अलग-अलग उत्पाद पर अलग-अलग रेट भारत सरकार द्वारा तय किया गया है साथ ही भारत मानक ब्यूरो का कार्य देश की औद्योगिकरण के विकास में सहायता करना जिससे वे विदेश में अपने उत्पादों को अच्छे ढंग से बेच पाएं दूसरे देशों में क्या पॉलिसी चल रही है। उसके हिसाब से अपने उत्पादों में डिजाइन में गुणवत्ता में क्या परिवर्तन कर सकते हैं। इसकी जानकारी भी देती है। साथ ही विदेशी उत्पादों को भारत में ज्यादा प्रसार ना हो इसके लिए वह अपने मानक भी उन पर लगाती है ताकि वह आसानी से यहां भारतीय उत्पादों को टक्कर ना दे सके।
कार्यशाला का सफल एवं कुशल संयोजन असिस्टेंट डायरेक्टर राणा जी द्वारा किया गया एवं धन्यवाद प्रस्ताव अनुपम देवा व लखनऊ से आए मोहित द्वारा दिया गया। उद्यमियों ने अपनी तमाम जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान प्रश्न उत्तर के माध्यम से किया जिसमें प्रमुख रुप से प्रशांत अग्रवाल, दिलीप मौर्य, प्रशांत गुप्ता, उदय जयपुरिया, संजय सिंह, मनीष कटारिया, अजय जायसवाल, ज्ञानेश्वर गुप्ता, आलोक भंसाली ने किया। हिमांशु शेखर, राजेश चौधरी , ओपी पटेल इत्यादि अधिकारी उपस्थित थे।