बलिया जिले में पंचायतों में सैनिटाइजेशन कराने के नाम पर लाखों का गबन

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खाते का संचालन पंचायत सचिवों की ओर से किया जाने लगा। शासन से उन्हे प्रशासक बनाया गया और पंचायतों के सभी कार्य वही करने लगे। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर में सभी लोग परेशान हो उठे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:50 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:50 AM (IST)
बलिया जिले में पंचायतों में सैनिटाइजेशन कराने के नाम पर लाखों का गबन
सरकार की ओर से गांवाें में सैनिटाइजेशन कराने का फरमान जारी हुआ।

बलिया, जेएनएन। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खाते का संचालन पंचायत सचिवों की ओर से किया जाने लगा। शासन से उन्हें प्रशासक बनाया गया और पंचायतों के सभी कार्य वही करने लगे। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर में सभी लोग परेशान हो उठे। सरकार की ओर से गांवाें में सैनिटाइजेशन कराने का फरमान जारी हुआ। यह फरमान पंचायत सचिवों के लिए आपदा में अवसर तलाशने जैसा रहा। अधिकांश पंचायतों में सचिव कागज में ही सैनिटाइजेशन का कार्य दिखा कर लाखों रुपये गबन कर लिए हैं। मामले की गांवों में जाकर जांच हो तो कई सचिवों की गर्दन फंस सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि कही भी गांव में न तो सैनिटाइजेशन का कार्य हुआ और न ही साफ-सफाई की कराया गया।

कहां कितना धन दिखाया खर्च

अधिसिझुवा ग्राम पंचायत में 8386 रुपये, बैजनाथपुर में 5413, भीखाछपरा में 45500, चकिया में 2000, दलपतपुर में 18750, दुर्जनपुर में 45500, गंगापुर में 27300, गोपालपुर में 52200, गोविंदपुर में 7488, जगदेवा में 17980, करमानपुर में 45500, केहरपुर में 35000, कोटवां में 30850, मधुबनी में 19458, मानगढ़ में 20200, नवकागांव में तीन किस्तों में 61710, नौरंगा में 35000, शिवाल में 20200, तालिबपुर में 45500, उपाध्यायपुर में 48250 व विसूनपुरा में 48765 रुपये खर्च दिखाए गए हैं। अप्रैल से लेकर मई के प्रथम सप्ताह तक 21 ग्राम पंचायतों के प्रशासकों ने सिर्फ कोरोना नियंत्रण के नाम पर 5 लाख 95 हजार 451 रुपये छिड़काव आदि के नाम पर पंचायत के खातों से निकाल लिया है।

बोले ग्रामीण, नहीं हुआ कोई छिड़काव

शिवाल के ओमप्रकाश सिंह, उपाध्यापुर के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र तिवारी, विसूनपुरा के मनोज कुमार, नौरंगा के लकड़ी मिश्र, केहरपुर के ललित कुमार सिंह, कोटवा में भूलन चौरसिया सहित सभी गांवों के लोगों का कहना है कि गांव में कोई छिड़काव नहीं कराया गया है।

बोले अधिकारी 

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है अगर ग्रामीणों से लिखित शिकायत प्राप्त होती है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जांचोपरांत दोषी पाए जाने वाले प्रशासकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। -प्रशांत कुमार नायक, उपजिलाधिकारी बैरिया।

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