Electronic buses शहर को रफ्तार देंगी, शासन को भेजा गया था 18 करोड़ रुपये का डीपीआर
शहर की बिगड़ी आबोहवा बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन का रास्ता मंगलवार को प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। शहर की बिगड़ी आबोहवा, बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन का रास्ता मंगलवार को प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया। मिर्जामुराद में इलेक्ट्रानिक बसों के लिए जमीन चिह्नित किया गया है। हालांकि यहां चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए कार्यदायी संस्था को बजट का इंतजार था। विभाग ने डीपीआर बनाकर शासन को भेजा था।
जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 130 सिटी बसों का संचालन परिवहन निगम कर रहा है। इनमें अधिकतर बसें पुरानी होने के साथ मरम्मत के अभाव में कंडम हो चुकीं हैं। इनके धुएं से आबोहवा प्रदूषित हो रही है। एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस पर नाराजगी जताने के साथ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कोई विकल्प नहीं होने और शहरवासियों की सुविधा के लिए परिवहन निगम खस्ताहाल बसों को चला रहा है। हालांकि शासन के निर्देश पर परिवहन निगम इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन की तैयारी भी शुरू कर चुका है। काफी मशक्कत के बाद आने वाली नई बसों के चार्जिंग प्वाइंट के लिए मिर्जामुराद में 1.87 हेक्टेयर जमीन मिली। यहां 50 इलेक्ट्रानिक बसों के चार्जिंग हो सकेगी। इसके लिए 18 करोड़ का डीपीआर रोडवेज मुख्यालय ने शासन को भेजा था।
चार्जिंग प्वाइंट के लिए जमीन चिह्नित
मिर्जामुराद में इलेक्ट्रानिक बसों के चार्जिंग प्वाइंट के लिए जमीन चिह्नित है। इसके लिए करीब 18 करोड़ का डीपीआर शासन को भेजा गया था। धन मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
-एसके राय, क्षेत्रीय प्रबंधक।