मऊ में बिजली बिल का पता नहीं फिर भी छह लाख घरों में उजाला, रेवेन्यू को लेकर हांफ रहा महकमा

जागरण संवाददाता मऊ विद्युत चोरी और उपभोक्ताओं के बिना बिल जमा किए घर रोशन करने की मंशा से आजमगढ़ मंडल (आजमगढ़ मऊ व बलिया) की विद्युत व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। इससे बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ता दोहरी मार झेल रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:36 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:36 PM (IST)
मऊ में बिजली बिल का पता नहीं फिर भी छह लाख घरों में उजाला, रेवेन्यू को लेकर हांफ रहा महकमा
एक दशक से कनेक्शन लेने के बाद भी बिजली बिल जमा ही नहीं कर रहे हैं।

मऊ, जागरण संवाददाता। विद्युत विभाग के करीब छह लाख से अधिक उपभोक्ता पिछले एक दशक से कनेक्शन लेने के बाद भी बिजली बिल जमा ही नहीं कर रहे हैं। इसके बावजूद यह विद्युत का उपभोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। विभाग यूनिटों की दर में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है ताकि घाटे को कम किया जा सके। विद्युत बिल वसूली को लेकर पूरा महकमा रात-दिन एक किए हुए हैं। यही नहीं मार्निंग व नाइड रेड भी पड़ रही है। इसके अलावा कभी छापेमारी तो कभी विद्युत कनेक्शन विच्छेदन व विद्युत शिविर का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। यानी विद्युत व्यवस्था सुधारने का समय विद्युत बिल वसूली करने में खर्च किया जा रहा है। ऐसे में विभाग घाटे में तो जा ही रहा है, वहीं सरकार ने इसके निजीकरण के फरमान से विभाग में उहापोह की स्थिति है। अब जनता के हाथ में है कि वह बिजली बिल जमा करना चाहती है या निजीकरण की तरफ बढ़ रहे हाथ को रोकने में मदद करती है। फिलहाल विद्युत कटौती में विद्युत चोरी भी सबसे अहम कारण मानी जा रही है।

आजमगढ़ मंडल में कुल 13 लाख के करीब विद्युत उपभोक्ता हैं। इसमें आजमगढ़ 6.75 लाख, मऊ में 3.0 लाख व बलिया में 3.25 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। इसमें से छह लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ता कनेक्शन लेने के बाद से ही अपना विद्युत बिल जमा ही नहीं करते हैं। करीब सात लाख उपभोक्ता विद्युत बिल जमा करते हैं। बिजली बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं में आजमगढ़ में 3.25 लाख, मऊ में 1.25 लाख व बलिया में 1.50 लाख हैं। विभाग की मानें तो एक दशक से लगातार विद्युत चोरी के खिलाफ अभियान चल रहा है लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। हालात यह है कि जितना बिल जमा होती है, उससे दस गुना ज्यादा विद्युत की खपत हो रही है। इसकी वजह से लगातार यूनिटों में वृद्धि कर विद्युत विभाग के घाटे से उबारा जा रहा है। यानी बिजली कटौती के लिए जितना विभाग जिम्मेदार है, उससे कहीं ज्यादा मंडल की पब्लिक भी जिम्मेदार है। अगर सारे लोग विभाग का बिल जमा करते तो उन्हें सुचारू बिजली मिलती रहती। वर्तमान समय में उमस भरी भीषण गर्मी है। ऐसे में मंडल में धड़ाधड़ ट्रांसफार्मर जल रहे हैं और व्यवस्था पूरी तरह से चरमराती जा रही है। कहीं-कहीं तो 24 घंटे विद्युत नदारद रह रही है।

रेवेन्यू सही रहता तो सभी को 24 घंटे अनवरत बिजली मिलती

छह लाख लोग अगर अपना बिल समय से जमा करते तो विभाग का रेवेन्यू सही रहता है। रेवेन्यू सही रहता तो सभी को 24 घंटे अनवरत बिजली मिलती, लेकिन दस साल से बिल जमा नहीं कर रहे हैं। विभाग कार्रवाई करता है तो दो-चार दिन बाद यह फिर जोड़ लेते हैं। ऐसे में बिना जनता के सहयोग के विभाग 24 घंटे बिजली नहीं दे पाएगा। इस तरह के लोगों की मानसिकता बदलनी होगी।

अनूप कुमार वर्मा, अधीक्षण अभियंता आजमगढ़ मंडल।

13,00,000 : मंडल में कुल उपभोक्ता

6,00000 : लाख उपभोक्ता नहीं जमा करते बिल

3,25,000 : आजमगढ़ के उपभोक्ता

1.25 लाख : मऊ के उपभोक्ता

1.50 लाख : बलिया के उपभोक्ता।

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