दीवाली पर अमावस की रात चंद्रयान की रोशनी से जगमग होगी धरती, इन लाइटों की बाजार में है अधिक डिमांड

बाजार में दीवाली के लिए एक से बढ़कर एक चीजें उपलब्ध हैं। इसमें इस बार गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों में संगमरमर के पाउडर से बनी मूर्तियां विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 05:21 PM (IST)
दीवाली पर अमावस की रात चंद्रयान की रोशनी से जगमग होगी धरती, इन लाइटों की बाजार में है अधिक डिमांड
दीवाली पर अमावस की रात चंद्रयान की रोशनी से जगमग होगी धरती, इन लाइटों की बाजार में है अधिक डिमांड

वाराणसी [वंदना सिंह]। दीवाली का बाजार इन दिनों लोगों के सिर पर चढ़ कर बोल रहा है। कारोबारी भी नए थीम पर बाजार को सजाकर ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। बाजार में दीवाली के लिए एक से बढ़कर एक चीजें उपलब्ध हैं। इसमें इस बार गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों में संगमरमर के पाउडर से बनी मूर्तियां विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। यह गुजरात और दिल्ली से बनकर आ रही हैं। वहीं लाइटिंग आइटम में क्रिस्टल झालर के साथ ही इस बार चंद्रयान वाला टाइटिंग आइटम काफी पसंद किया जा रहा है।

 

चंद्रयान भी बाजार में

इस बार दिवाली में सजाई जाने वाली लाइटिंग में क्रिस्टल के झालर, दिल आकार की लाइटिंग के साथ ही चंद्रयान के रूप में लाइटिंग दिख रही है। इसमें पानी जैसे बुलबुले हैं और रंग बिरंगी रोशनी। बिजली से चलने वाली यह लाइट गुजरात व दिल्ली की बनी हुई है। वहीं मोमबत्ती के आकार वाले इलेक्ट्रानिक लाइटिंग की भी ढेरों वेरायटी है।

 

संगमरमर के पाउडर से बने गणेश लक्ष्मी

दिवाली पर मिट्टी की मूर्ति के साथ ही गणेश लक्ष्मी की संगमरमर के चूरे से बनी मूर्तियों की डिमांड है। यह काफी हल्के हैं इसे गुजरात के कारीगरों द्वारा बनाया जा रहा है। इनमें मोतियों, नगीनों, स्टोन्स से सजावट की गई है। मूर्ति के रूप में, फ्रेम व झूले के  साथ की बिक्री जमकर हो रही है। 

 

मिट्टी के डिजाइनर दीये

इसमें प्राकृतिक रंगों से तैयार मिट्टी के दीपकों की तो जमकर खरीदारी हो रही है। इसके साथ ही लक्ष्मी जी के चरणों वाले चिन्ह को जरी, गोटे व नगीनों से तैयार किया जा रहा है। हड़हासराय के दुकानदार राधे श्याम  गुप्ता बताते हैं कि बाजार में गुजरात से बने दीयों, गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां, लाइटिंग, गिफ्ट आइटम इस बार छाए हुए हैं। हड़हासराय के दुकानदार सुधीर गुप्ता बताते हैं कि चाइनीज सामानों को देशी उत्पाद पछाड़ चुके हैं। हर सामान में काफी फिनिंशिंग से काम किया गया है। गुजरात और दिल्ली की मूर्तियां, पेंटिंग, उपहार, दीपक, झालर सब कुछ बाजार में है वह भी स्वदेशी। 

 

यह है दाम

चंद्रयान लाइटिंग चार सौ से सात सौ रुपये

-संगमरमर के चूरे से बने गणेश -लक्ष्मी की मूर्ति 150 से शुरू होकर दो हजार रुपये तक में। 

-सुंदर फ्रेम के साथ गणेश लक्ष्मी की मूर्ति ढाई सौ रुपये से साढ़े पांच सौ तक।

-वाटर फॉल में गणेश जी की मूर्ति सात सौ रुपये से शुरू। 

-डिजाइनर मिट्टी का दीया 30 रुपये से तीन सौ रुपये तक।

नोट-प्रत्येक सामान की कीमत पीस में। 

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