आजमगढ़ में तमसा नदी पर बने पुल के नाम पर हर बार पार होती रही है चुनावी नाव

आजमगढ़ तमसा नदी के दो किनारों को जोड़ने के लिए आज तक पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका। नदी पर पुल की मांग पूरी न होते देख आसपास के ग्रामीणों ने डेढ़ दशक पहले बांस-बल्ली का पुल बनाने की ठानी और निर्माण भी कर दिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 05:09 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 05:09 PM (IST)
आजमगढ़ में तमसा नदी पर बने पुल के नाम पर हर बार पार होती रही है चुनावी नाव
विधानसभा मुबारकपुर सठियांव के दाऊदपुर सहित कई गांव तमसा नदी से जुड़े हैं।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। तमसा नदी के दो किनारों को जोड़ने के लिए आज तक पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका।हां, यह मुद्दा हर बार चुनावी नाव को पार करने में सहायक बनता रहा है।

नदी पर पुल की मांग पूरी न होते देख आसपास के ग्रामीणों ने डेढ़ दशक पहले बांस-बल्ली का पुल बनाने की ठानी और निर्माण भी कर दिया।इसी से नदी पार करके लोग जिला मुख्यालय तक आते-जाते हैं। विधानसभा मुबारकपुर के पश्चिमी छोर पर विकास खंड सठियांव के दाऊदपुर सहित कई गांव तमसा नदी किनारे पर बसे हैं।इन गांव के लोगों को जिला मुख्यालय तक आने-जाने के लिए काफी चक्कर लगाना पड़ता है। लकड़ी के पुल से दूरी कम हो जाती है, लेकिन दोपहिया वाहनों से आवागमन जोखिम भरा होता है। जब चुनाव आता है तो नेता पुल का वादा करते हैं, उसके बाद कोई आवाज नहीं उठाता।

पक्के पुल के निर्माण से राह होगी आसान

अमिलो : ढकवा गांव के ज्ञानचंद एडोवोकेट ने कहा कि पुल का निर्माण होने से हम लोगों काफी सुविधा हो जाएगी। जिला मुख्यालय तक आवागमन में समय और किराए की बचत होगी। सराय मुबारक गांव के मोहम्मद अजमल ने कहा कि मुबारकपुर के पश्चिमी छोर पर आबाद गांव के लोगों की सुविधा पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। दाऊदपुर गांव के राजेश यादव ने कहा हम लोग पुल निर्माण के लिए जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को पत्र देकर थक गए हैं।चिवटही गांव के रामअवध चौहान ने कहा कि पुल का निर्माण हो जाता तो काफी सहूलियत मिलती।इस संबंध में बीडीओ बाबूराम पाल ने बताया कि ग्रामीण मांग पत्र देंगे तो उसे ऊपर तक पहुंचा दिया जाएगा।

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