Balia जिले के 12 ब्लॉकों में मिले कालाजार के आठ नए रोगी, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग हुआ अलर्ट

जिले में जनवरी 2021 से मई तक कालाजार के आठ नए रोगी मिले हैं जिसमें दो महिला हैं। कोटवा ब्लॉक से दो मनियर ब्लॉक से दो तथा दुबहर बांसडीह रेवती एवं मुरलीछपरा ब्लॉक से एक-एक कालाजार रोगी मिले हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:36 AM (IST)
Balia जिले के 12 ब्लॉकों में मिले कालाजार के आठ नए रोगी, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग हुआ अलर्ट
बारिश शुरू होने के बाद कालाजार के रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है

बलिया, जेएनएन। जिले में जनवरी 2021 से मई तक कालाजार के आठ नए रोगी मिले हैं, जिसमें दो महिला हैं। कोटवा ब्लॉक से दो, मनियर ब्लॉक से दो तथा दुबहर, बांसडीह, रेवती एवं मुरलीछपरा ब्लॉक से एक-एक कालाजार रोगी मिले हैं। बारिश शुरू होने के बाद कालाजार के रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है। जनपद के गांव या शहर दोनों स्थानों के जिम्मेदार साफ-सफाई के प्रति पूरी तरह लापरवाह हैं।

हर जगह सफाई कर्मचारी हैं लेकिन वे समय से अपना कार्य नहीं करते। कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी ड़ॉ. नीलोत्पल कुमार ने बताया कि यह जनपद कालाजार प्रभावित प्रदेश के जनपदों में से एक है। इससे बचाव को लेकर सभी प्रभावित 12 ब्लॉकों के ग्रामों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रथम चक्र का कालाजार (आईआरएस) छिड़काव का काम पूरा कर लिया गया है। ब्लाक हनुमानगंज, मुरलीछपरा, कोटवा, रेवती, दुबहर, सियर, चिलकहर, मनियर,बेलहरी, बेरूआरबारी,बांसडीह, सोहाव को कालाजार के लिए चिन्हित किया गया है।

बालू मक्खी से फैलता है कालाजार

डॉ नीलोत्पल ने बताया कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रभावित ग्रामों में सिंथेटिक पैराथ्राइड दवा का छिड़काव घरों के अन्दर (आईआरएस) किया जाता है। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। इसलिए छिड़काव घर के अंदर छह फीट ऊंचाई तक कराया जाता है। उन्होंने बताया कोरोना काल में यदि किसी में कालाजार के लक्षण दिखें तो वह उसे अनदेखा न करें और तत्काल नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराकर उपचार कराए। 

कालाजार के लक्षण

दो सप्ताह से लगातार या रुक-रुक कर बुखार आना, वजन कम होना, मरीज का पेट फूल जाना, भूख कम लगना, शरीर काला पड़ जाना आदि इसके लक्षण हैं।

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