वाराणसी में अंडा और चिकन की मांग में कमी, मछली और मटन की बढ़ गई डिमांड
बर्ड फ्लू का असर नॉन वेज के कारोबार पर पड़ने लगा है। सर्दियों में अंडा चिकन की मांग जहां कम हो गई है तो वहीं मटन-मछली की खपत बढ़ने लगी है। अंडा और मुर्गा के दाम में दिनों दिन कमी आ रही है।
वाराणसी, जेएनएन। बर्ड फ्लू का असर नॉन वेज के कारोबार पर पड़ने लगा है। सर्दियों में अंडा, चिकन की मांग जहां कम हो गई है तो वहीं मटन-मछली की खपत बढ़ने लगी है। अंडा और मुर्गा के दाम में दिनों दिन कमी आ रही है। दाम कम होने के बावजूद ग्राहकों का रुझान अंडा और मुर्गा की ओर नहीं बढ़ रहा है।
वाराणसी और पूर्वांचल के बड़े कारोबारियों के अनुसार थोक व फुटकर भाव में काफी अंतर आ गया है। थोक में मुर्गा 100-110 रुपये किलो बिक रहा था, अब 60-70 रुपये किलो बिक रहा है। फुटकर में इसकी कीमत 170 से घटकर 150-160 रुपये पर आ गई है। वहीं अंडे का भी भाव गिर रहा है।
सप्ताह भर पूर्व अंडे की 1250 रुपये पेटी की कीमत घटकर 1000 रुपये पर आ गई है। कारोबारियों के अनुसार एक पेटी में 210 अंडा रहता है। अंडा प्रति पीस 7 से 8 रुपये से 6 रुपये पर आ गया। जिले में लगभग 16 हजार के आसपास पोल्ट्री फार्म और मुर्गे की दुकानें हैं। वाराणसी जिले में अंडा के कुल 14 थोक कारोबारी हैं, जिनका रोज का करीब 10 लाख का कारोबार है। इस समय यह कारोबार प्रभावित है। अंडा का स्टॉक लगातार बढ़ रहा है।