पहाड़ों का असर पूर्वांचल तक पहुंचा, तापमान सामान्‍य से तीन डिग्री तक हुआ कम, ठंड में इजाफा

बुधवार की सुबह तापमान में कमी रही और वातावरण में ठंडी हवाएं काबिज रहीं। दिन चढ़ा तो वातावरण में धूप खिलने पर गुनगुना अहसास भी नजर आया लेकिन धूप का कोई असर नजर नहीं आया। आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा तो रात से कोहरा नजर आने लगेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:16 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 09:16 AM (IST)
पहाड़ों का असर पूर्वांचल तक पहुंचा, तापमान सामान्‍य से तीन डिग्री तक हुआ कम, ठंड में इजाफा
आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा तो रात से कोहरा नजर आने लगेगा।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है, लगातार तापमान में गिरावट का दौर जारी है। 24 घंटों में आधे डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह से ठंड अब धीरे धीरे गलन में बदलती जा रही है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा और पारा दस डिग्री के भी नीचे चला जाएगा। मौसम का रुख अब गलन की ओर होने के साथ ही अगले चार दिनों में कोहरा और ओस का असर भी बढ़ जाएगा। दिन में धूप का असर भी दोपहर के बाद कम होता जा रहा है। उम्‍मीद है कि अब कोहरा भी जल्‍द असर करेगा और मौसम का रुख तल्‍खी भरा हो जाएगा।

बुधवार की सुबह तापमान में कमी रही और वातावरण में ठंडी हवाएं काबिज रहीं। दिन चढ़ा तो वातावरण में धूप खिलने पर गुनगुना अहसास भी नजर आया लेकिन धूप का कोई असर नजर नहीं आया। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा तो रात से ही कोहरा नजर आने लगेगा। जबकि गलन का असर व्‍यापक रूप से आने वाले दिनों में लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी दुश्‍वारियां भी देगा। जबकि पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता लगातार बनी हुई है इसकी वजह से पहाड़ों में बर्फबारी के साथ ही मैदानी इलाकों में इसका असर सप्‍ताह भर में पहुंचना तय है। 

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से तीन डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 78 फीसद और न्‍यूनतम 54 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पूर्वांचल के आसमान में मौसम साफ बना हुआ है। जबकि दक्षिण भारत में बादलों की सक्रियता है। दक्षिण का असर अगर उत्‍तर की ओर आया तो बादलों की मामूली सक्रियता हो सकती है। वहीं पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का एक झोंका गुजर रहा है तो दूसरा पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान की सीमा पर है। यह भी जल्‍द असर कर सका तो पहाड़ों पर बर्फबारी तय है और उसका असर मैदानी इलाकों पर भी होगा।

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