वाराणसी में आंगनबाड़ी केंद्रों में किताबों से नहीं, रचनात्मक कार्यों से जोड़कर होगी पढ़ाई

आंगनबाड़ी केंद्रों में अगले सत्र से प्री-प्राइमरी शुरू करने की तैयारी तेज कर दी गई है। छोटे बच्चों को किताबों से अधिक खेलकूद भाव गीत संगीत भाव नृत्य कहानी व रचनात्मक कार्य सहित अन्य गतिविधियों से जोड़ते हुए सिखाया और समझाया जाएगी।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 12:47 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 01:35 PM (IST)
वाराणसी में आंगनबाड़ी केंद्रों में किताबों से नहीं, रचनात्मक कार्यों से जोड़कर होगी पढ़ाई
आंगनबाड़ी केंद्रों में अगले सत्र से प्री-प्राइमरी शुरू करने की तैयारी तेज कर दी गई है।

वाराणसी, जेएनएन। आंगनबाड़ी केंद्रों में अगले सत्र से प्री-प्राइमरी शुरू करने की तैयारी तेज कर दी गई है। छोटे बच्चों को किताबों से अधिक खेलकूद, भाव गीत, संगीत, भाव नृत्य, कहानी, व रचनात्मक कार्य सहित अन्य गतिविधियों से जोड़ते हुए सिखाया और समझाया जाएगी। प्री-नर्सरी में पोस्टरयुक्त किताब से बच्चों को पढ़ाया जाएगा ताकि बच्चों को कोई वस्तु समझने की समझ विकसित हो सके। इसी प्रकार एलकेजी में अक्षर पहचाने व यूकेजी में मात्रा की पहचान कराई जाएगी।

सरकारी विद्यालयों अब तक प्री-नर्सरी के कोर्स नहीं संचालित किए जाते हैं। बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित विद्यालयों में पांच वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों का दाखिला सीधे कक्षा एक में लिया जाता था। जबकि निजी विद्यालयों में प्री-नर्सरी से बच्चों का दाखिला लिया जाता है। ऐसे में निजी विद्यालयों के बच्चे कक्षा एक तक जाते-जाते किताब पढ़ना सीख जाते हैं। जबकि सरकारी विद्यालयों के बच्चों को कक्षा एक में ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ का बोध करना पड़ता था। इसे देखते हुए नई शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-नर्सरी कोर्स शुरू करने निर्देश दिया गया। सूबे में अगले सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी तेज कर दी गई है।

इस क्रम में जनपद में भी आगनबाड़ी कार्यकत्री को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (शिवपुर) में चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के के दौरान जनपद के 200 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान उन्हें बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए गतिविधियों पर आधारित बच्चाें को सिखाने का निर्देश दिया गया। कम से कम किताबों का प्रयोग करते हुए रचनात्मक कार्यों के माध्यम से बच्चों को समझाने का निर्देश दिया गया है। जिला स्तर के बाद अब ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया है। जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्री का प्रशिक्षण फरवरी तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। 

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