टीचर-पैरेंट्स मीटिंग से सुधरेगी परिषदीय स्‍कूलों में शिक्षा, शिकायतों के निदान के लिए बनेगा अभिभावक डेस्क

बेसिक शिक्षा परिषद ने मिशन कायाकल्प को बढ़ावा देने का कार्य शुरू किया है। अब टीचर पेरेंट्स बैठक से प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्‍कूलों की शिक्षा व्‍यवस्‍था सुधारी जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 06:48 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:48 PM (IST)
टीचर-पैरेंट्स मीटिंग से सुधरेगी परिषदीय स्‍कूलों में शिक्षा, शिकायतों के निदान के लिए बनेगा अभिभावक डेस्क
टीचर-पैरेंट्स मीटिंग से सुधरेगी परिषदीय स्‍कूलों में शिक्षा, शिकायतों के निदान के लिए बनेगा अभिभावक डेस्क

चंदौली, जेएनएन। कांवेंट स्कूलों को टक्कर देने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने मिशन कायाकल्प को बढ़ावा देने का कार्य शुरू किया है। अब टीचर पेरेंट्स बैठक से प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्‍कूलों की शिक्षा व्‍यवस्‍था सुधारी जाएगी। इसकी अनिवार्यता के साथ ही इन स्कूलों में अभिभावक डेस्क भी बनेगा। इसकी मदद से स्कूलों में पढ़ा रहे बच्‍चों के अभिभावक से बीईओ व शिक्षक वार्ता करेंगे। इसके तहत उनका बच्चा पढ़ाई में कैसा है, उसमें कौन-सी कमी है, गृहकार्य, स्कूल कार्य नियमित करता है या नहीं, कक्षा में उसकी उपस्थिति कम है तो इसके पीछे कारण आदि की जानकारी शिक्षक अभिभावक से जानेंगे।

दरअसल, परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर लोगों की धारणा अब भी नकारात्मक है। बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावक कान्वेंट व नर्सरी स्कूलों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। क्योंकि इन स्कूलों में हर महीने मासिक टेस्ट के साथ ही टीचर- पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावकों से उनके बच्चों की फीडबैक ली जाती है। जबकि परिषदीय विद्यालयों में इस व्यवस्था का अभाव है। इसके दृष्टिगत शासन स्तर से अभिभावक डेस्क व टीचर-पैरेंट्स मीटिंग की कवायद शुरू की गई। जानकारों का मानना है कि अभिभावक सीधे शिक्षाधिकारी व शिक्षकों से जुड़ेंगे तो बेसिक शिक्षा नीति को मजबूती तो प्रदान होगी ही, बच्चों के ज्ञान में भी वृद्धि होगी। पहल से अभिभावकों में बेसिक शिक्षा को लेकर घर कर चुकी पुरानी सोच में बदलाव आएगा। बीईओ व शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि वह बच्चों की शिक्षा को लेकर उनके अभिभावकों को संतुष्ट करें। यदि कहीं कोई दिक्कत है तो उसे दूर करने का कार्य किया जाए। इस बारे में बीईओ प्रकाशचंद्र यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को विभाग गंभीर है। बच्चों के बौद्धिक विकास में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित कराने को यह पहल की गई है। अभिभावकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास ब्लाक स्तर पर किए जा रहे हैं। स्कूलों में टीचर-पैरेंट्स मीटिंग के आयोजन को सभी संकुल प्रभारी व प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं।

डेस्क से मिलेंगी ये जानकारियां

विभाग के मुताबिक, अभिभावक डेस्क से सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी होगा। समग्र शिक्षा योजना, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, कन्या सुमंगला योजना आदि की जानकारी दी जाएगी। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के बाबत अभिभावकों को जानकारी देकर उन्हें स्कूल में वापसी का प्रयास भी डेस्क के माध्यम से होगा। बेसिक शिक्षा परिषद ने इस बाबत निर्देश दिया है।

रजिस्टर में दर्ज होगी शिकायत

अभिभावकों द्वारा यदि कोई शिकायत की जाती है तो उसका रिकॉर्ड सुरक्षित करने के लिए रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। मिड डे मील की गुणवत्ता, पुस्तकों की उपलब्धता, ड्रेस, जूता- मोजा स्वेटर सहित पढ़ाई- लिखाई से संबंधित शिकायतें शिक्षक दूर करेंगे। विद्यालय की समस्या निबटाने को जरूरत होने पर उच्चाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों की मदद ली जाएगी।

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