काशी वन्यजीव प्रभाग में विकसित होगा इको टूरिज्म, पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मांगा गया सुझाव

चंदौली जिले में काशी वन्य जीव प्रभाग के प्राकृतिक संपदा से संपन्न स्थलों पर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को राजदरी सभागार में प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार शर्मा की अगुवाई में परिचर्चा का आयोजन किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:10 AM (IST)
काशी वन्यजीव प्रभाग में विकसित होगा इको टूरिज्म, पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मांगा गया सुझाव
काशी वन्य जीव प्रभाग के प्राकृतिक संपदा से संपन्न स्थलों पर इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा।

चंदौली, जागरण संवाददाता। काशी वन्य जीव प्रभाग के प्राकृतिक संपदा से संपन्न स्थलों पर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को राजदरी सभागार में प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार शर्मा की अगुवाई में परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें टूरिज्म गिल्ड के प्रतिनिधियों के साथ उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम व उत्तर प्रदेश वन निगम से जुड़े अधिकारियों व ट्रेवल्स एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

वन संरक्षक (वन्यजीव) ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार वन क्षेत्रों में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत वन क्षेत्र में पर्यटन के लिए चिन्हित क्षेत्रों को वन कानून को ध्यान में रखते हुए विकसित करने व उनके प्रचार प्रसार पर बल दिया। कहा कि आगरा इको टूरिज्म सर्किट की तर्ज पर चंद्रकांता वाराणसी इको टूरिज्म में सर्किट स्थापित करने की प्रदेश सरकार की योजना है। इसके अंतर्गत वाराणसी के साथ ही काशी वन्य जीव प्रभाग के राजदरी , देवदरी क्षेत्र और सोनभद्र, मिर्जापुर के वन क्षेत्र के चिन्हित स्थलों पर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) की योजना बनाई गई है। इस ड्राई रन के पहले इस तरह की परिचर्चा आवश्यक है। परिचर्चा के दौरान टूरिज्म गिल्ड, वन निगम, पर्यटन विकास निगम व ट्रेवल्स एजेंसियों के संचालकों ने राजदरी, देवदरी को इको टूरिज्म का केंद्र बनाने के लिए तमाम सुझाव दिए।

सुझाव के दौरान पर्यटन केंद्र के पास इंट्रीकेट, लाइब्रेरी, प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों की तलाश, वन्य जीव की सूचनाएं, पर्यटक तक पहुंचने को ट्रेफिक प्वाइंट बनाने, बच्चों के लिए गेम जोन बनाने, पर्यटन केंद्र तक पहुंचने के लिए वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बाथिंग के लिए जलप्रपात में सेफ जोन विकसित करने के सुझाव दिए। औरवाटांड़ व छानपातर को भी विकसित करने पर चर्चा हुई। इको टूरिज्म के माध्यम से वनवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए भी सुझाव आए। सुझाव का पीसीसीएफ ने स्वागत किया व वन कानूनों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में टूरिज्म विकसित करने का आश्वासन दिया। मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव डाक्टर शेष नारायण मिश्रा, वन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एसपी शर्मा, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव के रविंद्र, वाराणसी के डीएफओ महावीर कौजलगी, कैमूर वन्यजीव प्रभाग मिर्जापुर के डीएफओ आशुतोष जायसवाल सहित वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। संचालन डीएफओ दिनेश सिंह ने किया।

chat bot
आपका साथी