वाराणसी में लोकार्पण के बाद भी मंडी समिति के हाथ में नहीं आया‘ ई-नाम’, हैंडओवर का इंतजार

प्रधानमंत्री ने 25 अक्टूबर को 8.22 करोड़ की लागत से श्रीलाल बहादुर शास्त्री फल एवं सब्जी मंडी पहडिय़ा में हुए नवीनीकरण के कार्य को लोकार्पित किया। नवीनीकरण कार्य में ही ई नाम (नेशनल एग्रीकच्चर मार्केट) का भवन भी शामिल है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:30 AM (IST)
वाराणसी में लोकार्पण के बाद भी मंडी समिति के हाथ में नहीं आया‘ ई-नाम’, हैंडओवर का इंतजार
वाराणसी में लोकार्पण के बाद भी मंडी समिति के हाथ में नहीं आया‘ ई-नाम’

जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रधानमंत्री ने 25 अक्टूबर को 8.22 करोड़ की लागत से श्रीलाल बहादुर शास्त्री फल एवं सब्जी मंडी पहडिय़ा में हुए नवीनीकरण के कार्य को लोकार्पित किया। नवीनीकरण कार्य में ही ई नाम (नेशनल एग्रीकच्चर मार्केट) का भवन भी शामिल है। सितंबर वर्ष 2019 में इसकी नींव पड़ी। इसके निर्माण पर लगभग 4.95 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। लोकार्पण के दूसरे दिन बुधवार को भी किसान हित में यहां कोई कार्य होते नहीं दिखा। बल्कि भवन का दरवाजा खिड़की, रेलिंग आदि के शेष कार्य अभी चल रहा है। मंडी परिषद निर्माण खंड की ओर से मंडी समिति को अभी नए भवन को हैंडओवर नहीं किया है। ई नाम भवन में आक्सन हाल के साथ लैब, वेटिंग रूम, आफिसर्स चैम्बर आदि के लिए फर्नीचर, मानिटर की व्यवस्था की जानी है।

नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के तहत काम पहले से चल रहा है

‘नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के तहत काम पहले से चल रहा है। नवनिर्मित भवन के हैंडओवर होते ही इससे कार्य का संचालन शुरू हो जाएगा।’

- डीके वर्मा, मंडी सचिव

यूं मिलेगा किसानों को ई-नाम का लाभ

ई-नाम योजना का लाभ किसानों को सीधे मिलेगा। किसानों को ई नाम के जरिए उत्पाद बिक्री के लिए मंडी समिति से संपर्क करना होगा। मंडी समिति किसान के उत्पाद समेत अन्य विवरण आनलाइन सिस्टम पर अपलोड करेगा। इसके बाद पंजीकृत कृषक के उत्पाद को ग्रेडिंग करने के साथ मंडी समिति उसे एक सार्टिफिकेट जारी करेगा। आनलाइन उत्पाद का लाइसेंसधारी व्यापारी बोली लगाते है। बोली लगने के बाद मंडी स्तर से किसान को उत्पाद का भाव बताया जाता है। यदि किसान राजी होगा तो उत्पाद बेच दिया जाएगा।

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