कोरोना काल में दिन में गर्मी और सुबह-शाम ठंडक से वायरल बुखार से सतर्क रहें वाराणसी के लोग
आजकल बुखार जुकाम गले में जकड़न और पूरे शरीर में एठन है तो जाहिर तौर पर किसी को भी कोविड-19 की आशंका हो सकती है। मगर इस समय मौसम बदल रहा है। दिन में गर्मी और सुबह-शाम मौसम ठंडा हो जाता है।
वाराणसी, जेएनएन। आजकल बुखार, जुकाम, गले में जकड़न और पूरे शरीर में एठन है तो जाहिर तौर पर किसी को भी कोविड-19 की आशंका हो सकती है। मगर इस समय मौसम बदल रहा है। दिन में गर्मी और सुबह-शाम मौसम ठंडा हो जाता है। यह मौसम वायरल बुखार के लिए भी बड़ा माकूल है। मौसम का संधिकाल कहे जाने वाले इस मौसम में बुखार-जुकाम होना आम है। बावजूद इसके इस मौसम में अधिक सतर्कता बरने की जरूरत है। यह बातें ईएसआइसी हास्पिटल में कोविड के नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ परामर्शदाता डा. आरके सिंह ने कही।
बताया केवल बुखार आने भर से यह मानकर तनाव न लें कि कोरोना ने घेर लिया है। तीन दिन से अधिक समय से बुखार आ रहा हो तो चिकित्सीय परामर्श जरूर लें और डाक्टर की सलाह पर कोरोना जांच भी कराएं। डाक्सीसाइक्लिन 100एमजी सुबह-शाम, पैरासिटामाल व अन्य दवायें डाक्टर की सलाह पर लेना शुरू कर दें। कोविड के मामले बढ़ने से अस्पतालों का जो हाल हो गया, उसमें जरूरी है कि जब तक बहुत आवश्यक न हो अस्पताल जाने से बचें। प्रयास करें कि डाक्टर से टेलीफोन पर ही परामर्श मिल जाए। डाक्टर की सलाह पर मेडिकल स्टोर से दवा लें या फिर दवा भी ऑनलाइन ही मंगा लें।
जुकाम-बुखार हो तो घर में भी लगाएं मास्क
डा. सिंह ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में भी घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं और हमेशा एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें। जुकाम या बुखार होने पर घर में भी मास्क लगाकर रहें। साथ ही प्रयास करें कि परिवार के अन्य सदस्यों से अलग कमरे में रहें। केवल कोरोना संक्रमण ही सांस के जरिए नहीं फैलता, बल्कि वायरल भी सांस के जरिए फैलता है। मौजूदा परिस्थितियों में यह और भी जरूरी इसलिए हो जाता है कि कोविड के चलते ओपीडी सेवाएं बाधित चल रही हैं और अस्पतालों में जाना संक्रमण को बुलावा देने जैसा है। इसलिए जरूरी है कि सामान्य वायरल होने पर भी पूरी सावधानी बरती जाए।
पीने के लिए गुनगुने पानी का करें इस्तेमाल
इन दिनों हमें ज्यादा सयंमित रहने की जरूरत है। डा. सिंह के मुताबिक थोड़ी सी भी तकलीफ होने पर घरेलू उपचार शुरू कर देना चाहिए। मसलन पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। दिन में एक बार भाप अवश्य लें। यह हमारे नाक, गले और यहां तक कि फेफड़ों को भी सैनिटाइज करने जैसा होता है। जुकाम या बुखार होने पर रोजाना तीन से चार बार तक भाप लें। खान-पान का विशेष ध्यान रखें और घर के अंदर ही सही, नियमित रूप से व्यायाम करें, जिसमें खास तौर पर सांस के व्यायाम जरूर शमिल हो।