वाराणसी में इलाज के अभाव में मां की गोद में बेटे ने तोड़ा दम, पांच बार गया बीएचयू फिर भी डाक्टर ने नहीं देखा

विनीत सिंह तबियत ज्‍यादा खराब हुई तो अपनी मां के साथ इलाज के लिए बीएचयू आया था। डाक्टरों ने कोरोना की वजह से नहीं देखा तो एक प्राइवेट हास्पिटल में ले गए। वहां भी जब भर्ती नहीं किया गया तो मां की कदमों में तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:32 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:32 PM (IST)
वाराणसी में इलाज के अभाव में मां की गोद में बेटे ने तोड़ा दम, पांच बार गया बीएचयू फिर भी डाक्टर ने नहीं देखा
वाराणसी में इलाज के अभाव में मां की कदमों में तड़प-तड़प कर बेटे की मौत हो गई।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना से इलाज के अभाव में रोज मरीज मर रहे है लेकिन प्रशासन के कांन पर जरा सा भी जूं नहीं रेंग रही है। सोमवार को विनीत सिंह तबियत ज्‍यादा खराब हुई तो अपनी मां चंद्रकला सिंह के साथ इलाज के लिए बीएचयू आया था। जब वहां डाक्टरों ने कोरोना की वजह से नहीं देखा तो ककरमत्ता स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल में ले गए। वहां भी जब भर्ती नहीं किया गया तो मां की कदमों में तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

मामला जौनपुर के मडि़याहू का है। विनय सिंह का भतीजा विनीत सिंह मुम्बई में रहकर काम करता था। विगत दिसंबर माह में वह एक शादी समारोह में गांव आया तभी से गांव में ही रुक गया। उस समय उसकी तबियत खराब हुई तो परिवार के लोगों ने जौनपुर एक डाक्टर को दिखाएं तो उन्होंने ने किडनी में समस्या बताई। मृतक के बड़े पिता विनय सिंह ने बताया की विगत दिसंबर से लगातार पांच बार इलाज के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में जाकर लाईन लगाया लेकिन कोई भी डाक्टर नहीं देखा।

सोमवार को तबियत ज्‍यादा खराब हुई तो अपनी मां चंद्रकला सिंह के साथ इलाज के लिए बीएचयू आया था। जब वहां डाक्टरों ने कोरोना की वजह से नहीं देखा तो ककरमत्ता स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल में ले गए। वहां भी जब भर्ती नहीं किया गया तो मां की कदमों में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। मृतक चार भाई व एक बहन में तीसरे नंम्बर का है। 10 वर्ष पूर्व पिता की मृत्यु हो चुकी है और बड़े भाई संदीप सिंह की भी किडनी की समस्या से मौत हो चुकी है।

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