मऊ में भारी बारिश से रेलवे ट्रैक की मिट्टी धंसी, दूसरे ट्रैक से गुजरी दादर एक्सप्रेस के पायलट ने दी सूचना

बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात का असर ऐसा रहा कि जनपद पानी-पानी हो गया। इससे जहां आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ तो रेलवे संचालन भी प्रभावित हो गया। गुरुवार की रात हुई मूसलधार बारिश के चलते मऊ-इंदारा रेलवे ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंस गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 12:55 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:55 PM (IST)
मऊ में भारी बारिश से रेलवे ट्रैक की मिट्टी धंसी, दूसरे ट्रैक से गुजरी दादर एक्सप्रेस के पायलट ने दी सूचना
गुरुवार की रात हुई मूसलधार बारिश के चलते मऊ-इंदारा रेलवे ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंस गई।

मऊ, जेएनएन। जिले में भारी बारिश के बाद रेलवे ट्रैक की मिट्टी धंस गई। इसकी वजह से एक बड़ा हादसा टल गया। इस दौरान मऊ में रत्नागिरी तो इंदारा में गोदाम को रोक दिया गया। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर कई घंटे आवागमन बंद रहा। परिचालन बंद रहने की वजह से रेलवे के अधिकारी भी इस दौरान हांफते नजर आए। 

बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात का असर ऐसा रहा कि जनपद पानी-पानी हो गया। इससे जहां आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ तो रेलवे संचालन भी प्रभावित हो गया। गुरुवार की रात हुई मूसलधार बारिश के चलते मऊ-इंदारा रेलवे ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंस गई। बगल वाली ट्रैक से गुजर रही दादर एक्सप्रेस के पायलट ने देखा तो इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही सबसे पहले मऊ से गुजरने वाली ट्रेनों को दूसरे रेलवे स्टेशनों पर रोक दिया गया। वहीं यात्रिकी विभाग संग आरपीएफ सहित रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे। चार घंटे बाद भी धंसी मिट्टी को ठीक करने का काम जारी रहा।

सुबह लगभग 08:30 बजे दादर एक्सप्रेस ट्रेन इंदारा से मऊ जंक्शन पर आ रही थी। जैसे ही ट्रेन तमसा नदी के पास ट्रैक से गुजरी कि पायलट की नजर दूसरे रेलवे ट्रैक पर पड़ी। देखा कि ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंसी हुई है। उसने तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दिया। सूचना मिलते ही सबसे पहले मऊ जंक्शन पर रत्नागिरी एक्सप्रेस को रोक दिया गया। वहीं इंदारा में गोदाम खड़ी हो गई। दादर ट्रेन के चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा होते-हाेते टल गया। जिस प्रकार से रेलवे ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंसी थी अगर वह पायलट के नजर पर नहीं पड़ती तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। दोपहर तक रेलवे ट्रैक को ठीक करने का काम जारी रहा। दूसरे ट्रैक से रोकी गई ट्रेनों को एक-एक कर रवाना किया गया।

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