कंप्यूटर और स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से सूख रहा आंखों का पानी, जानिए आई सिंड्रोम के लक्षण

Dry Eye Syndrome Symptoms डा. मौर्य आइएमएस बीएचयू स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं। उनका कहना है कि कंप्यूटर या मोबाइल पर कार्य करते समय नियमित अंतराल पर आंखों को आराम देने के साथ ही बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहना चाहिए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 12:35 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 01:18 PM (IST)
कंप्यूटर और स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से सूख रहा आंखों का पानी, जानिए आई सिंड्रोम के लक्षण
कंप्यूटर या मोबाइल पर कार्य करते समय नियमित अंतराल पर आंखों को झपकाते रहना चाहिए।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। अनियमित खानपान, व्यायाम में कमी के साथ ही कंप्यूटर व स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से आंखों का पानी सूखने लगा है। इसके कारण आंखों में सूखापन (ड्राई आई सिंड्रोम) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में प्रतिदिन डाई आई के 10-15 मरीज आ रहे हैं। इसके लक्षण, कारण और निवारण के बारे में बता रहे हैं नेत्र कैंसर सर्जन डा. राजेंद्र प्रकाश मौर्य। डा. मौर्य आइएमएस बीएचयू स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं। उनका कहना है कि कंप्यूटर या मोबाइल पर कार्य करते समय नियमित अंतराल पर आंखों को आराम देने के साथ ही बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहना चाहिए। पेश है रिपोर्ट...

- ड्राई आई सिड्रोम के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

जवाब : आंखों में थकान, भारीपन, जलन, सूखापन, गडऩा तथा लाल होना आदि। धुंधला दिखना, रोशनी सहन नहीं कर पाना (फोटोफोबिया) भी अधिकांश रोगियों में पाया जाता है। समय से उचित इलाज नहीं करने पर एडवांस स्टेज ड्राई आई सिंड्रोम हो जाता है। आंखों की कन्जक्टिवा (कोमल झिल्ली) व कार्निया (स्वच्छ पटल) सूख जाती है तथा व्यक्ति पूरी तरह से नेत्रहीन हो सकता है।

- बीएचयू में लगभग कितने ड्राई आई के रोगी उपचार के लिए आ रहे हैं?

जवाब : प्रतिदिन लगभग 10-15 ड्राई आई रोगी उपचार के लिए आ रहे हैं। इसमें से 4-6 रोगी एडवांस स्टेज में जटिलताओं (कम्प्लीकेशन) के साथ यानी रोशनी के अस्पष्ट होने के बाद आते हैं। 50 प्रतिशत ड्राई आई रोगी उम्रदराज (50 वर्ष से अधिक) महिलाएं होती हैं तथा एक चौथाई रोगी युवा वर्ग के होते हैं, जो देर तक कंप्यूटर पर कार्य या आनलाइन अध्ययन करने वाले होते है। कोरोना काल से पहले युवा वर्ग में कम ड्राई आई की शिकायत थी। ज्यादातर उम्रदराज मरीज मधुमेह, उच्चरक्तचाप व गठिया पीडि़त लोगों में ही यह समस्या देखी जाती है।

सवाल : आम लोगों को ड्राई आई से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?

जवाब : ड्राई आई से बचने के लिए लंबे समय तक कंप्यूटर व स्मार्ट फोन के प्रयोग से हरहाल में बचना चाहिए।

आंखों के लिए आंसू का महत्व : आंसू हमारी आंखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सामान्य व्यक्ति एक मिनट में लगभग 10-15 बार पलकों को झपकाता है, जिससे आंसू की एक परत आंखों की ऊपरी सतह (कार्निया व कंजेक्टिवा) पर फैल जाती है। आंसू हमारी आंखों को नम व गीला रखता है। पलकों को चिकनाई देता है। साथ ही संक्रमण से बचने के लिए आंसू में एंटी बैक्टेरियल तत्व लैक्टोफेरीन, लाइसोसोम्स व इम्यूनोग्लोब्यूलिन प्रोटीन पाए जाते हैं। आंसू के नियमित बहाव व फैलाव से कार्निया (आंख की सफेद पुतली) स्वस्थ व पारदर्शी रहता है। आंसू के माध्यम से आंखों की साफ-सर्फाइ होती है व धूल के कण बाहर निकल जाते हैं।

ड्राई आई से बचने के लिए यह करें

कंप्यूटर पर कार्य करते समय नियमित अंतराल पर आंखों को आराम दें व बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहें।

- आंखों में काजल, आई लाइनर का प्रयोग न करें।

- बालों के रुसी (डैंड्रफ) का उचित इलाज करें।

- तेज धूप से निकलने पर उच्च गुणवत्ता के धूप चश्मे का प्रयोग करें।

- आंखों को सीधे एसी व कूलर के सामने ना रखे।

- धूम्रपान व वायु प्रदूषण से बचे, रूम हीटर का प्रयोग न करें।

- शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड व गठिया पर नियंत्रण रखें।

- अमोनियायुक्त हेयर कलर का प्रयोग न करें।

- भोजन में विटामिन ए, सी, डी की प्रचुर मात्रा लें।

- हरी पत्ते वाली सब्जियों, पीले फल आदि का सेवन करें।

- अंकुरित अनाज, केला, बादाम, आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।

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