वाराणसी के परिषदीय विद्यालय के डीबीटी के फेर में फंसा 23 हजार बच्चों का ड्रेस

परिषदीय विद्यालयों के 23 हजार बच्चों का ड्रेस जूता-मोजा व स्कूल बैग डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के फेर में फंस गया है। बैंक खाता आधार से लिंक न होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे अभिभावकों का विवरण अब तक निदेशालय नहीं भेजा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 08:10 AM (IST)
वाराणसी के परिषदीय विद्यालय के डीबीटी के फेर में फंसा 23 हजार बच्चों का ड्रेस
वाराणसी के परिषदीय विद्यालय के डीबीटी के फेर में फंसा 23 हजार बच्चों का ड्रेस

जागरण संवाददाता, वाराणसी। परिषदीय विद्यालयों के 23 हजार बच्चों का ड्रेस, जूता-मोजा व स्कूल बैग डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के फेर में फंस गया है। बैंक खाता आधार से लिंक न होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे अभिभावकों का विवरण अब तक निदेशालय नहीं भेजा है। यही नहीं खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ)से इन अभिभावकों के बैक खाते का विवरण दोबारा परीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।

केंद्र व राच्य सरकार संयुक्त रूप से बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय तथा अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के अध्ययनरत बच्चों को हर साल मुफ्त दो सेट ड्रेस के अलावा जूता-मोजा, स्वेटर व स्कूल बैग मुफ्त उपलब्ध कराती है। वहीं इस बार बेसिक शिक्षा विभाग यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा का 1100 रुपए डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे अभिभावकों के खाते में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि कमीशनखोरी पर लगाम लग सके। साथ ही अभिभावक अपनी मनपसंद दुकान से स्वयं यूनिफार्म क्रय कर सके। इसके तहत पिछले दिनों अध्यापकों ने जनपद में 1.98 लाख पंजीकृत बच्चे का पूरा डाटा, अभिभावकों का बैंक एकाउंट सहित अन्य विवरण प्रेरणा एप पर फीड किए थे ताकि बच्चों के अभिभावकों के खाते में सीधे ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर व बैग का पैसा से स्थानांतरित हो गए। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त व लेखाधिकारी अनूप मिश्रा ने बताया कि डीबीटी के लिए करीब 97 हजार अभिभावकों का विवरण निदेशालय भेज दिया गया है। वहीं 23 हजार खातों का दोबारा परीक्षण कराया जा रहा है। इसमें त्रुटिपूर्ण फीडिंग वाले बैंक खाते भी शामिल है।

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