गंगा में रेत के उभरते टीलों की संभावना को खत्‍म करने आंध्र प्रदेश से बनारस पहुंची ड्रेजिंग मशीन

काशी के घाटों को गंगा की लहरों से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए मंगलवार को ड्रेजिंग मशीन गंगा नदी में उतारी गई। आंध्र प्रदेश से मशीन सोमवार की देर शाम तक सामनेघाट पहुंच गई थी। पाइप के माध्यम से ड्रेजिंग मशीन बालू को किनारे करने का काम करेंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 06:52 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 06:52 PM (IST)
गंगा में रेत के उभरते टीलों की संभावना को खत्‍म करने आंध्र प्रदेश से बनारस पहुंची ड्रेजिंग मशीन
पाइप के माध्यम से ड्रेजिंग मशीन बालू को किनारे करने का काम करेंगी।

वाराणसी, जेएनएन। काशी के घाटों को गंगा की लहरों से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए मंगलवार को ड्रेजिंग मशीन गंगा नदी में उतारी गई। आंध्र प्रदेश से मशीन सोमवार की देर शाम तक सामनेघाट पहुंच गई थी। पाइप के माध्यम से ड्रेजिंग मशीन बालू को एक किनारे करने का काम करेंगी।

विशेषज्ञों की जांच के बाद दी गई रिपोर्ट के आधार पर शासन की मंशा है कि गंगा के बहाव को वास्तव प्रवाह में लाया जाय। सिंचाई विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई हैं। रेती का दबाव कम करने के लिए गंगा के पूर्वी तट पर जमा बालू का खनन शुरू किया गया है। साथ ही गंगा नदी में ड्रेजिंग कर चैनल बनाया जाएगा। जिससे गंगा का बहाव सीध में हो सके। इसके लिए विभाग ने राम इंटरप्राइजेज एजेंसी को नामित किया है। फिलहाल चार पोकलैंड मशीन के माध्यम से बालू हटाने का कार्य किया जा रहा है।

कछुआ सेंचुरी के कारण बालू खदान पर रोक लग गया था। जिसके कारण गंगा के पूर्वी छोर पर बालू का टीला बनता चला गया। जबकि गंगा का बहाव घाटों की ओर होने लगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सिंचाई विभाग लगभग तीन माह में इस काम को निपटाने के लिए कटिबद्ध है। मजदूरों के अनुसार गंगा में लगभग 120 फिट चौड़ा, लगभग 25 फिट गहरा तथा लगभग पांच किलोमीटर लम्बाई में चैनल बनाया जायेगा। वहीं ड्रेजिंग से आने जाने वाले जलयानों को भी सहूलियत मिलेगी। बीते दिनों एक कार्गो पानी में फंस गया था तो काफी मशक्‍कत के बाद उसे आगे बढ़ाया गया था। अब जैसे जैसे गर्मियों का दौर आगे बढ़ेगा वैसे वैसे गंगा के जलस्‍तर में कमी आने लगेगी और पानी में टीले नजर आने लगेंगे। जबकि मानसून और बरसात के दौरान गंगा का जलस्‍तर और ऊपर आएगा। 

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