वाराणसी में डॉ. शारदा ने कोरोना से लड़ने के लिए छत को हरियाली से बनाया हथियार
कोरोना संक्रमण काल ने जब लोगों को घर में रहने को मजबूर कर दिया तो ऐसे में समय बिताना भी लोगों के सामने चुनौती बन गयी। खासकर उनके लिए सबसे ज्यादा दिक्कत हुई जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए।
वाराणसी [रवि पांडेय]। कोरोना संक्रमण काल ने जब लोगों को घर में रहने को मजबूर कर दिया तो ऐसे में समय बिताना भी लोगों के सामने चुनौती बन गयी। खासकर उनके लिए सबसे ज्यादा दिक्कत हुई जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। लोग परिवार को सुरक्षित रखने के लिए एक कमरे में सिमट गये ।यही एकाकीपन लोगों को तनाव, हाई ब्लड प्रेशर ,डिप्रेशन का शिकार बनाने लगी। ऐसे में लंका क्षेत्र के महामनापुरी में रहनेवाली चित्रकार डॉ शारदा सिंह शालू ने अपने हुनर को हथियार के रूप में बना लिया और संक्रमण काल में ही छत को पार्क की हरियाली से भर दिया। छत पर ही झूले और छोटे से तालाब के साथ योग , चित्रकला के लिए सबसे उपयुक्त बना लिया। डॉ शारदा ने बताया कि सुबह दो घंटे तक पौधे की देखरेख और सिंचाई से मन हरा भरा और तरोताजा तथा ऊर्जा देते हैं।अब तो ज्यादा समय छत के गार्डन में ही बीतने लगा।यहां काम करना प्रकृति के साथ रहकर सकारात्मक ऊर्जा और सुकून महसूस होता है।
छत को बनाया पार्क
डॉ शारदा सिंह ने अपने छत को ही थोड़े समय में पार्क में बदल दिया। जिसमें नए-नए सीजनल फूल-पौधों के साथ वर्टिकल गार्डन का भी रूप दे दिया। इसके अलावा वेस्ट मैटेरियल से गमले भी बनाए गए हैं और उसमें हर प्रकार के पौधे लगाकर बेहतर ढंग से रंग बिरंगे रंगों से सजाया और अपनी तूलिका से रंगोली बनाकर और भी आकर्षक कर दिया।
आसपास के लोगों ने भी कर दिया शुरुआत
डॉ शारदा की इस अनोखी पहल को देखकर आसपास के लोग देखने आए और उन्होंने अपने छतों पर भी हरियाली शुरू कर दिया है। यहां सब्जी में भिंडी, बैगन, पालक, धनिया, चौराई,प्याज और मसालों के पौधे लगाए हैं। फलों में जामुन, आम, चेरी, बेर, मौसम्मी, गिलोय, अजवाइन, एलोवेरा को मिट्टी के गमलों में लगाया है।
महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण देती हैं डॉ शारदा
डॉ शारदा सिंह महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए सिलाई ,कढ़ाई और चित्रकला के साथ योग और आत्मरक्षा की ट्रेनिग भी दिलाती हैं।पिछले लॉक डाउन ने शारदा ने अपनी मित्र लक्ष्मी के साथ जूट के बैग और आकर्षक सजावटी सामान के कारोबार में 50 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दी दिया है। गरीब बच्चों को शिक्षा और जरूरतमंदों की मदद करना डॉ शारदा के जीवन का उद्देश्य है।