बीएचयू अस्‍पताल में व्‍यापक अंतरकलह, अब ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज डा. संजीव गुप्ता ने दिया इस्तीफा

वरिष्ठ आचार्य प्रो. संजीव कुमार गुप्ता को ट्रामा सेंटर की उस समय जिम्मेदारी दी गई जब यहां पर अव्यवस्थाएं व अंतरद्वंद्व चरम पर थी। तत्कालिक इंचार्ज पर कई प्रकार के आरोप भी लगे थे। यहां तक कि तमाम मेडिकल छात्र एवं डाक्टर पर भी लामबंद हो गए थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 02:48 AM (IST)
बीएचयू अस्‍पताल में व्‍यापक अंतरकलह, अब ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज डा. संजीव गुप्ता ने दिया इस्तीफा
पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में इनदिनों जमकर अंतरकलह मची हुई है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में इनदिनों जमकर अंतरकलह मची हुई है। एक दिन पहले जहां प्रो. एस के माथुर ने सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पद से इस्तीफा दे दिया वहीं शुक्रवार को ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज डा. संजीव कुमार गुप्ता ने इस्तीफा देकर विश्वविद्यालय प्रशासन को सकते में डाल दिया। प्रशासन की ओर से प्रो. गुप्ता काे मनाने का खूब प्रयास किया गया, लेकिन बाद में उन्होंने अपना मोबाइल ही आफ कर लिया। अब नए इंचार्ज को लेकर माथा-पचीसी चल रही है। उम्मीद है देर शाम तक कुछ फैसला हो जाएगा। 

संस्थान के जनरल सर्जरी के वरिष्ठ आचार्य प्रो. संजीव कुमार गुप्ता को ट्रामा सेंटर की उस समय जिम्मेदारी दी गई जब यहां पर अव्यवस्थाएं व अंतरद्वंद्व चरम पर थी। तत्कालिक इंचार्ज पर कई प्रकार के आरोप भी लगे थे। यहां तक कि तमाम मेडिकल छात्र एवं डाक्टर पर भी लामबंद हो गए थे। अब जो बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल से लेकर ट्रामा सेंटर तक कुर्सी के लिए राजनीति एवं एक-दूसरे के खिलाफ अंतरविरोध शुरू हुई तो प्रो. संजीव गुप्ता ने भी इस पद को छोड़ना ही मुनासिब समझा।

इससे पहले अंतरविरोध के कारण ही गुरुवार को एनेस्थिसिया विभाग के हेड प्रो. एसके माथुर ने एमएस पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद जनरल मेडिसिन विभाग के प्रो. केके गुप्ता को इस पर अगले आदेश तक के लिए जिम्मेदारी दी गई है। सूत्र बताते हैं कि इन दिनों कुर्सी को लेकर संस्थान में जमकर गुटबाजी हो रही है। इसको लेकर बीएचयू ही नहीं बल्कि बाहर तक के भी कुछ अधिकारी नजर गड़ाए हुए हैं। दिल्ली और अन्य शहरों से भी अपने-अपने लोगों को कुर्सी पकड़ाने की होड़ एवं जोड़-जुगाड़ चल रही है। 

प्रो. एसके माथुर का इस्तीफा, प्रो. केके गुप्ता एसएस अस्पताल के एमएस 

पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित कोरोना वार्ड में फैली अव्यवस्थाओं के बीच प्रो. एसके माथुर ने चिकित्सा अधीक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं उनके स्थान पर अब मेडिसिन विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रो. केके गुप्ता को अगले आदेश तक एमएस बनाया गया है। शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स बने में कोरोना वार्ड में लगातार कई दिनों से अव्यवस्थाएं सामने आ रही थी। इसे लेकर जिला प्रशासन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को लिखा था।

सूत्र बताते हैं कि इस दुर्व्यवस्था पर मंत्रालय ने बीएचयू के कुलपति से जवाब भी मांगा था। मगर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। वहीं बीएचयू के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखबारों में छप रही अव्यवस्थाओं पर गुरुवार को कुलपति व बीएचयू के अन्य पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने की बात उन्होंने कही थी। अब प्रो. एसके माथुर के इस्तीफे को भी इसी प्रकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है। कारण कि अस्पताल में लापारवाही से जिला प्रशासन भी सख्त हो गया था। इससे पहले भी संस्थान में अंतरविरोध, आपसी राजनीति एवं अन्य आरोपों के कारण ही लगातार कई चिकित्सा अधीक्षक को कुर्सी छोड़नी पड़ी है। बताया जा रहा है कि इधर बीच कई प्रोफेसर एमएस बनने के लिए जोड़-जुगाड़ में लगे थे।

संस्थान ने प्रो. गुप्ता पर ही फिर से भरोसा जताया है, क्योंकि वे 2016 के पहले भी इस पद पर रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना वार्ड में अस्पताल के अधिकारियों पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए पिछले माह ही प्रो. केके गुप्ता ने कोरोना वार्ड के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। सूत्र बताते हैं कि संस्थान के निदेशक के सामने ही प्रो. गुप्ता एवं प्रो. माथुर के बीच जमकर बहस हो गई थी। दोनों ही तरफ से सहयोग नहीं करने के आरोप लगते थे। वहीं इस्तीफे के बावत जब प्रो. माथुर से उनका पक्ष रखने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया। वहीं प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है उसे वह बखूबी निभाएंगे।

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