बीएचयू में डा. रॉयना सिंह की एमआरयू लैब को मिलेगी दो करोड़ की ग्रांट
डिपार्टमेंट आफ हेल्थ रिसर्च भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डिप्टी डायरेक्टर डा. वेद प्रकाश ने शनिवार को चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू में बने एमआरयू एवं बीआरडीएल लैब का दौरान किया। इस दौरान उन्होंने दोनों ही लैब के प्रभारियों से बात की और शोक को भी बढ़ाने को कहा।
वाराणसी, जेएनएन। डिपार्टमेंट आफ हेल्थ रिसर्च, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डिप्टी डायरेक्टर डा. वेद प्रकाश ने शनिवार को चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में बने एमआरयू एवं बीआरडीएल लैब का दौरान किया। इस दौरान उन्होंने दोनों ही लैब के प्रभारियों से बात की और शोध कार्यों को भी बढ़ाने को कहा। साथ ही कोरोना काल में लैब द्वारा दिनरात कार्य किए जाने की भी सराहना की। उन्होंने एमआरयू लैब को दो करोड़ की ग्रांट देने की घोषणा की।
मालूम हो कि ये लैब डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी अन्य गंभीर संक्रमण की जांच एवं रिसर्च के लिए स्थापित की गई थी। पहले इसकी जांच लखनऊ या पुणे में होती थी। लैब ज्यों ही बनकर तैयार हुई तभी पिछले साल कोरोना महामारी फैल गई। इसके बाद परिषद की ओर से मशीनें प्रदान कर कोरोना की जांच की सुविधा शुरू कर दी गई। इसमें वाराणसी ही नहीं पूर्वांचल की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि दोनों ही लैब को पूरी तरह स्टेबलिस करने के लिए पांच-पांच करोड़ की ग्रांट की घोषणा की गई थी। इसमें से बीआरडीएल लैब ने पांच करोड़ पहले ही खर्च लिए हैं।
डा. वेद प्रकाश ने बताया प्रो. रॉयना सिंह की एमआरयू (मल्टी डिसिप्लनरी रिसर्च यूनिट) लैब को जल्द ही दो करोड़ की ग्रांट दी जाएगी। इससे आधुनिक मशीनें एवं अन्य उपकरण खरीदे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना से पहले देश में 16 लैब सक्रिय थी, लेकिन अब 116 लैब संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि इन लैब को परिषद की ओर से हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। इस संबंध में प्रो. रॉयना सिंह ने बताया कि बहुत ही खुशी की बात है कि दो करोड़ ग्रांट मिलने वाली है। इससे हाईटेक मशीनें खरीदी जाएंगी, जिसकी कमी यूपी या पूर्वांचल में है।