वाराणसी में हर साल सामनेघाट और विश्वसुंदरी पुल से जाती हैं दर्जनों की जान, जाली न लगने से बना सुसाइड पॉइंट

वाराणसी में सामनेघाट स्थित शास्त्री ब्रिज और विश्वसुंदरी पुल पर जाली न लगने के कारण सुसाइड पॉइंट बन गया है।इन दोनों पुल पर रामनगर और लंका की तरफ से जाने का रास्ता है जिससे आसानी से आत्महत्या करनेवाले छलांग लगा देते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:44 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:44 PM (IST)
वाराणसी में हर साल सामनेघाट और विश्वसुंदरी पुल से जाती हैं दर्जनों की जान, जाली न लगने से बना सुसाइड पॉइंट
सामनेघाट स्थित शास्त्री ब्रिज और विश्वसुंदरी पुल पर जाली न लगने के कारण सुसाइड पॉइंट बन गया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। लंका थाना क्षेत्र के सामनेघाट स्थित शास्त्री ब्रिज और विश्वसुंदरी पुल पर जाली न लगने के कारण सुसाइड पॉइंट बन गया है।इन दोनों पुल पर रामनगर और लंका की तरफ से जाने का रास्ता है जिससे आसानी से आत्महत्या करनेवाले छलांग लगा देते हैं ।मई महीने में रमना के रहनेवाले युवक ने दो बच्चों को गंगा में फेंककर खुद भी जान दे दिया था इसके अलावा एक अन्य महिला भी इसी पुल से कूदकर जान दे दी थी।इसके अलावा यहां अक्सर घटनाएं होती रहती हैं।कुछ ऐसी भी घटनाएं हैं जन गंगा में मछली मारने वाले मल्लाहों ने लोगों की जान बचाई है।विश्वसुंदरी पुल से 18 जुलाई को युवती ने वीडियो बनाने के बाद गंगा में कूदकर जान दे दिया था।

24 जुलाई को इसी पुल के निचे गंगा में युवती की लाश मिली थी।मंगलवार को भी युवक ने बहन को मैसेज करने के बाद इसी पुल से कूदकर जान दे दिया।लगातार आत्महत्या की घटनाओँ को रोकने के लिए शास्त्री पुल पर जाली का काम शुरू तो हुआ लेकिन पुरा नही हो पाया है। सामने घाट से रामनगर तक बने पुल शास्त्री पुल और विश्वसुंदरी पुल पर अक्सर आत्महत्या की घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं।कई बार झूठी सूचना के बाद पुलिस और एनडीआरएफ के लोग घंटों तलाश करते रहते हैं।घटनाओं को रोकने के लिए अक्सर फैंटम और पुलिस भी चक्रमण करती हैं लेकिन हादसे नहीं रूक रहे हैं।

इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि दोनों पुलों पर जाली के लिए पत्राचार किया गया है ।सामनेघाट पुल पर काम लगा है जबकि विश्वसुंदरी पुल पर अभीतक कुछ नही हो पाया है। प्रियरंजन वाइस प्रेसिडेंट सोमा रोडीज ने कहा कि गंगा पुल पर ओवरलोड गाड़ियों का लोड ज्यादा होने के कारण अलग से जाली लगाना संभव नही है। नेशनल हाइवे के पुल पर इस तरह का प्रोजेक्ट भी नहीं बना है।

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