भारत के भविष्य को गढ़ती हैं घरेलू महिलाएं, वाराणसी के सुभाष भवन में हुआ सम्मान समारोह

विशाल भारत संस्थान की ओर से इंद्रेश नगर लमही में अनुशासन और सेवा विषयक एक दिवसीय कार्यशाला एवं घरेलू महिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यशाला के मुख्य अतिथि संत चट्टो बाबा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप जला कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:52 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 05:14 PM (IST)
भारत के भविष्य को गढ़ती हैं घरेलू महिलाएं, वाराणसी के सुभाष भवन में हुआ सम्मान समारोह
इंद्रेश नगर लमही में अनुशासन और सेवा विषयक एक दिवसीय कार्यशाला एवं घरेलू महिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

वाराणसी, जेएनएन। विशाल भारत संस्थान की ओर से शुक्रवार को लमही स्थित सुभाष भवन, इंद्रेश नगर लमही में अनुशासन और सेवा विषयक एक दिवसीय कार्यशाला एवं घरेलू महिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्रीराम आस्थावादी दार्शनिक एवं संत चट्टो बाबा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप जला कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया।

संस्थान की महिला कार्यकर्ताओं को अनुशासन और सेवा का प्रशिक्षक दिया गया। इस अवसर पर अनाज बैंक द्वारा कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि दिलीप कुमार सिंह ने सेवा करने वाली महिला कार्यकर्ताओं को कम्बल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यशाला में मुंबई के आध्यात्मिक गुरु अरविंद नागर, अजय शर्मा एवं पटियाला की अनीता वर्मा ने आनलाइन विचार रखा एवं अपना सहयोग दिया।

इस अवसर पर संत चट्टो बाबा ने कहा कि प्रत्येक संगठन के लिए अनुशासन एक मर्यादा है। प्रत्येक कार्यकर्ता को इस मर्यादा का पालन करना चाहिए। संगठन संबंधों का विस्तार है। संबंधवाद ही राष्ट्र की समस्याओं का समाधान है। घर-घर में मां अपने बच्चों को सेवा और अनुशासन सिखायें तो देश से अनेक समस्याओं का अंत हो जाएगा और युवाओं में चरित्र का निर्माण होगा। अध्यक्षता करते हुए विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू महिलाओं को समाज में अनुपयोगी समझा जाता है। घरेलू महिलाएं सेवा और अनुशासन के जरिये समाज में अपना एक मुकाम बना सकती हैं। घरेलू महिलाओं के माध्यम से राष्ट्र में बदलाव की क्रांति की जा सकती है। संचालन अर्चना भारतवंशी एवं धन्यवाद नजमा परवीन ने दिया। इस मौके पर नाजनीन अंसारी, खुशी भारतवंशी, डा. मृदुला जायसवाल, पूनम श्रीवास्तव, इली भारतवंशी, सुनरा, लीलावती, रमता, सुनीता, उर्मिला, अर्चना, मैना, नगीना, तबस्सुम, प्रभावती, नाजिया, रशीदा, गुलफशा, नाजमा, शबीना, शीला, हीरामणी, किरन, गीता, सरोज, किसुना, ममता, चन्द्रमा, रेखा, नीतू, प्रियंका, पार्वती आदि महिलाओं ने भाग लिया।

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