कुत्ते नोच रहे थे अधजला शव और कंकाल, बलिया के माल्देपुर में संगम तट पर पहुंची पुलिस ने कराया दाह संस्कार

बलिया में फेफना थाना क्षेत्र के माल्देपुर संगम तट पर रविवार को कुत्ते एक अधजले शव व कंकाल को नोच रहे थे। स्थानीय मछुआरों ने इसकी सूचना अधिकारियों तक पहुंचाई तो प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का दाह संस्कार कराया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 04:41 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 04:41 PM (IST)
कुत्ते नोच रहे थे अधजला शव और कंकाल, बलिया के माल्देपुर में संगम तट पर पहुंची पुलिस ने कराया दाह संस्कार
कुत्ते एक अधजले शव व कंकाल को नोच रहे थे।

बलिया, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दौर में गंगा में शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। फेफना थाना क्षेत्र के माल्देपुर संगम तट पर रविवार को कुत्ते एक अधजले शव व कंकाल को नोच रहे थे। स्थानीय मछुआरों ने इसकी सूचना अधिकारियों तक पहुंचाई तो प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का दाह संस्कार कराया।

माल्देपुर में गंगा-तमसा संगम तट पर सुबह मछुआरों को कुत्तों का एक झुंड नजर आया। मछुआरों ने सोचा कि किसी मृत जानवर को खा रहे होंगे। शंका होने पर कुछ युवकों के साथ मछुआरे नजदीक गए। उन्होंने देखा कि कुत्ते अधजली लाश व एक मानव कंकाल को नोच रहे थे। यह देख उनके होश उड़ गए। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। नदी किनारे शव मिलने की खबर पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में फेफना थानाध्यक्ष संजय त्रिपाठी दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने स्थानीय मल्लाहों व डोम की मदद से अधजले शव व जलकुंभी में फंसे कंकाल को बाहर निकलवाया। इसके बाद लकड़ी मंगाकर दाह संस्कार कराया गया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि माल्देपुर घाट पर 24 घंटे दाह संस्कार चल रहा है। देर रात चिता में आग लगाकर लोग वापस लौट गए होंगे। वही दूसरा बहुत पुराना उसका सिर्फ कंकाल है। अगर किसी ने शव फेंका होता तो कफन भी जरूर होता ।

पुलिस ने  कुछ दिनों तक गंगा में स्नान नहीं करने की लोगों  से की अपील, मछली भी न पकड़े

शहर से सटे माल्देपुर में गंगा नदी में सुबह स्नान करने वालों की तादाद बहुत है। पिछले कुछ दिनों से शव मिलने की खबर पर पुलिस ने तटवर्ती लोगों को कुछ दिन नदी में स्नान न करने की अपील की है। लोग नदी में कोरोना संक्रमित शवों को फेंके जाने के डर से स्नान नहीं कर रहे न मछुआरे मछली मारने जा रहे हैं।

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