जौनपुर के चिकित्सक भी किराए पर देते हैं अपनी डिग्री, एक डाक्टर का कई स्थानों पर लगा बोर्ड

यूपी के 22 जनपदों में पांच चिकित्सकों की डिग्री पर अल्ट्रासाउंड संचालित होने का मामला सामने आया है। किराए पर डिग्री देने वाले इन चिकित्सकों में दो की डिग्री पर जौनपुर में भी अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं। कई ऐसे चिकित्सक हैं जिनकी डिग्री पर कई नर्सिंग होम संचालित हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:33 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:33 PM (IST)
जौनपुर के चिकित्सक भी किराए पर देते हैं अपनी डिग्री, एक डाक्टर का कई स्थानों पर लगा बोर्ड
किराए पर डिग्री देने वाले इन चिकित्सकों में दो की डिग्री पर जौनपुर में भी अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। उत्‍तर प्रदेश के 22 जनपदों में पांच चिकित्सकों की डिग्री पर अल्ट्रासाउंड संचालित होने का मामला सामने आया है। किराए पर डिग्री देने वाले इन चिकित्सकों में दो की डिग्री पर जौनपुर में भी अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं। इतना ही नहीं जनपद के भी कई ऐसे चिकित्सक हैं जिनकी डिग्री पर कई नर्सिंग होम संचालित हैं। वह अस्पताल में कभी नहीं जाते। उनकी आड़ में नीम-हकीम मरीजों के लिए खतरेजान बने हैं। परिवार कल्याण महानिदेशालय लखनऊ से पुलिस के माध्यम से चिन्हित हुए पांच चिकित्सकों को सम्मन जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा गया है। इस कार्रवाई से किराए पर डिग्री देने वाले जिले के चिकित्सकों में भी खलबली मची है।

जनपद में बड़ी संख्या में नामी-गिरामी चिकित्सक अपनी डिग्री के नाम पर कमाई कर रहे हैं। अवैध रूप से संचालित दर्जनों नर्सिग होमों में इन चिकित्सकों के नाम का बोर्ड तो लगा है, लेकिन वह बैठते कभी नहीं हैं। उनकी डिग्री की आड़ में नीम-हकीम व सरकारी चिकित्सक मरीजों का दोहन कर रहे हैं। इतना ही नहीं नीम-हकीम खतरे जान बने इन चिकित्सकों के चलते कई की जान भी जा चुकी है। डिग्री देने वाले चिकित्सकों में कुछ हर माह तय धनराशि लेते हैं तो कुछ की शर्त होती है नीम-हकीम ग्रामीण अंचल से उन्हें मरीज भेजें। मरीज भेजकर डिग्री का इस्तेमाल करने वाले नीम-हकीम बंधा बंधाया कमीशन भी लेते हैं। स्वास्थ्य महकमा सब कुछ जानते हुए भी बेखबर है।

कई नर्सिंग होम में अपनी डिग्री देने वाले चिकित्सकों को नोटिस भेजी जाएगी

कई नर्सिंग होम में अपनी डिग्री देने वाले चिकित्सकों को नोटिस भेजी जाएगी। चिकित्सक से हलफनामा लिया जाएगा कि वह कब, कहां और कितने घंटे बैठते हैं। आन काल कितने समय में पहुंच जाते हैं। प्रतिमाह कितने मरीज देखते हैं। हलफनामा के अनुसार अगर वह संबंधित अस्पतालों में पहुंचे नहीं मिले तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

-डा. आरके सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी।

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