बैनामा को लेकर घबराएं नहीं, तारीख लिखने के बाद 120 दिन तक हो सकता है स्टांप का प्रयोग
देश और प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जहां ट्रेन सर्विस तक रोक दी गई है वहीं सरकार ने सर्वाधिक राजस्व देने वाले निबंधन कार्यालय में तालाबंदी कर दी है।
वाराणसी [अशोक सिंह]। देश और प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जहां ट्रेन सर्विस तक रोक दी गई है वहीं सरकार ने सर्वाधिक राजस्व देने वाले निबंधन कार्यालय में तालाबंदी कर दी है। इससे सरकार का घाटा तो हो ही रहा है वहीं जिन लोगों ने नवरात्र में जमीन व मकान आदि की रजिस्ट्री (बैनामा) कराने के लिए स्टांप पेपर खरीद लिया था वे घबराने लगे हैं। रजिस्ट्री कार्यालय की माने तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। स्टांप पेपर आगे भी बैनामा आदि कराने के लिए सुरक्षित है। वह अवैध नहीं होगा।
नवरात्र के शुभ मुहुर्त में जमीन और मकान का बैनामा कराने वालों की संख्या आम दिनों की अपेक्षा दूनी तक हो जाती है। चैत नवरात्र में भी क्रेता और विक्रेता ताक में थे। कुछ लोगों ने तो स्टांप पेपर खरीद लिखा था तो कुछ ने बैनामे का विवरण लिख कर प्रिंट भी करा लिया था ताकि नवरात्र आते ही भीड़ से पहले बैनामे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जब बैनामे पर 31 मार्च तक रोक लग गई है तो लोगों की चिंता बढ़ गई। इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योकि अगर स्टांप पेपर सादा है या विवरण प्रिंट करने के बाद तारीख दर्ज नहीं की गई है तो उसका कभी भी प्रयोग किया जा सकता है। विवरण लिखकर तारीख दर्ज कर दिया गया है तो उसे अगले 120 दिनों तक प्रयोग किया जा सकता है। दिनांक लिखने के बाद 120 दिनों में प्रयोग नहीं हुआ तो विशेष कारण होने पर अगले 120 दिनों तक अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व की अनुमति से प्रयोग हो जा सकता है।
वापसी का भी है नियम
स्टांप खरीद कर किसी कारण आपने बैनामा या पंजीकरण आदि नहीं कराया तो स्टांप वापस भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में स्टांप मूल्य की 10 फीसद राशि काटकर शेष धन वापस कर दिया जाता है।
कोरोना वायरस की वजह से भले ही पंजीकरण बंद है लेकिन उनके लिए नियमानुसार अवसर रहेगा
निबंधन कार्यालय में कुछ विशेष अवसरों पर बैनामा व अन्य दस्तावेज पंजीकरण में काफी बढ़ोतरी हो जाती है। इस कारण लोग पहले से दस्तावेज तैयार कर लेते हैं। कोरोना वायरस की वजह से भले ही पंजीकरण बंद है लेकिन उनके लिए नियमानुसार अवसर रहेगा।
- प्रदीप कुमार सिंह, रजिस्ट्रार तृतीय।