Dengue से न घबराएं, कूलर का पानी बदलते रहें और सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोग

घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी जरूर बदलें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार लगातार बने रहने पर लापरवाही न करें चिकित्सीय परामर्श लें और ब्लड जांच कराएं। रोकथाम के सामान्य उपाय अपनाकर डेंगू की चपेट में आने से बचा जा सकता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:50 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:54 PM (IST)
Dengue से न घबराएं, कूलर का पानी बदलते रहें और सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोग
डेंगू की पहचान इससे जुड़े लक्षणों से की जा सकती है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बरसात का मौसम शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप शहरी ही नहीं ग्रामीण आबादी को अपनी चपेट में ले लेता है। इससे जुड़ी सबसे खतरनाक बात ये है कि इस बीमारी की चपेट में बच्चे बहुत ही आसानी से आ जाते हैं। रोकथाम के सामान्य उपाय अपनाकर डेंगू की चपेट में आने से बचा जा सकता है। डेंगू की पहचान इससे जुड़े लक्षणों से की जा सकती है। लक्षणाें के आधार पर इसकी पहचान करें और घबराने की बजाय सीधे डाक्टर के पास पहुंचें। चिकित्सीय परामर्श लेने के साथ ही खून की जांच कराएं।

डेंगू के मामले में मृत्युदर लगभग एक प्रतिशत के आसपास है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. शरद चंद पांडेय के मुताबिक डेंगू बरसात के मौसम में तेजी से फैलता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप इस मौसम में सतर्क रहें। अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। डेंगू से बचाव का सबसे आसान तरीका यही है कि आप डेंगू की रोकथाम करें और इसे फैलने से बचाएं।

ये हैं डेंगू के लक्षण 

- डेंगू बुखार के लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है तेज बुखार आना और ठंड लगना।

- ब्लड प्रेशर का सामान्य से बेहद ही कम हो जाना।

- मांसपेशियों, जोड़ों, सिर और पूरे शरीर में दर्द होना।

- शारीरिक कमज़ोरी आना, भूख न लगना।

- डेंगू के दौरान पूरे शरीर पर रैशेज़ भी हो सकते हैं।

- डेंगू के दौरान तेज़ बुखार 3-4 दिनों तक बना रहता है, इसके साथ कई बार पेट दर्द की शिकायत भी होती है और उल्टियां भी होने लगती हैं।

ऐसे फैलता है डेंगू

डेंगू चार वायरसों डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है। जब यह पहले से संक्रमित किसी व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। वहीं बीमारी तब फैलती है जब वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है। एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित हो जाता है। मगर अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार या डेंगू रक्तस्रावी बुखार से ग्रसित हो सकते हैं।

इन बातों को जानें

- बरसात के जमा पानी में पनपने वाले मच्छर ही डेंगू की वजह बनते हैं।

- डेंगू से ग्रसित व्यक्ति से कोई अन्य संक्रमित नहीं हो सकता, लेकिन एक मच्छर डेंगू वायरस का वाहक बन सकता है और स्वस्थ व्यक्ति को डेंगू से संक्रमित कर सकता है।

- डेंगू ऐसे लोगों को अपना शिकार आसानी से बना लेता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सुधारना होगा।

- डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है और इन मच्छरों को एडीज़ इजिप्टी कहते हैं।

- डेंगू बुखार किसी भी उम्र के स्वस्थ व्यक्ति या बच्चे को हो सकता है।

- यदि किसी को भी डेंगू हो जाता है तो घबराने की जरूरत नहीं है, डेंगू का इलाज संभव है।

लक्षणों को कम करके होता है डेंगू का इलाज

डेंगू एक वायरल संक्रमण है लिहाज़ा यह बीमारी खुद-ब-खुद कुछ ही हफ़्तों में ठीक हो जाती है। बीमारी के दौरान अपने खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान रखें। डेंगू की बीमारी का इलाज इससे जुड़े लक्षणों को कम करके ही किया जाता है। ऐसे में लक्षणों को कम करने के लिए चिकित्सीय परामर्श लें। डेंगू के दौरान बुखार के लिए बाज़ार में मिलने वाली पैरासिटामॉल ही लें, किसी भी अन्य दवा का सेवन बिना डॉक्टरी सलाह के हरगिज न करें।

ऐसे करें रोकथाम

- डेंगू की रोकथाम का सबसे पहला और जरूरी कदम यही है कि आप मच्छरों को पैदा होने से रोकें।

- अपने घर के आस-पास जल जमाव न होने दें।

- कूलर के पानी को हर हफ्ते बदलें।

- गमले और छत पर पड़े डिब्बे, टायरों और पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इस तरह आप मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।

- घर में साफ-सफाई रखें, हो सके तो घर में मॉस्किटो रेपेलेंट का छिड़काव करें।

- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

चिकित्सीय परामर्श लें और ब्लड जांच कराएं

घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी हर सप्ताह जरूर बदलें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार लगातार बने रहने पर लापरवाही न करें, चिकित्सीय परामर्श लें और ब्लड जांच कराएं।

- डा. वीबी सिंह, सीएमओ-वाराणसी।

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