करिए रक्तदान, ताकि बचाई जा सके मरीजों की जान, बीएचयू व आइएमए ब्लड बैंक का शहरवासियों से आग्रह

कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोग अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं वहीं स्वैच्छिक रक्तदान से भी कतरा रहे हैं। इसका असर अब वाराणसी के ब्लड बैंकों पर भी पडऩे लगा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 01:10 PM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 01:26 PM (IST)
करिए रक्तदान, ताकि बचाई जा सके मरीजों की जान, बीएचयू व आइएमए ब्लड बैंक का शहरवासियों से आग्रह
करिए रक्तदान, ताकि बचाई जा सके मरीजों की जान, बीएचयू व आइएमए ब्लड बैंक का शहरवासियों से आग्रह

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। भले ही पूरा देश अब अनलॉक-थ्री में आ गया है, मगर अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोग अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं, वहीं स्वैच्छिक रक्तदान से भी कतरा रहे हैं। इसका असर अब ब्लड बैंकों पर भी पडऩे लगा है। शहर के ज्यादातर ब्लड बैंक ब्लड के रक्त कोष लगभग खाली हो चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह नियमित डोनर्स का न मिलना है। इसके चलते जरूरतमंदों को खून बड़ी मुश्किल से मिल रहा है।

अभी तक यही देखा जा रहा था कि हर एक-दो दिन में शहर के तमाम एनजीओ से जुड़े लोग और युवा वर्ग जरूरतमंद लोगों की जान बचाने को ब्लड बैंकों में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए पहुंच रहे थे। मगर इन दिनों ये रक्तदाता भी बैंकों तक नहीं पहुंच रहे। यही नहीं वर्तमान में कहीं कोई शिविर भी नहीं लग रहा है। इससे ब्लड बैंक की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। नियमित रक्तदान न होने से ब्लड बैंकों का कोष प्रभावित होने लगा है। इससे हर महीने ब्लड लेने वाले डायलिसिस, थैलेसीमिया के मरीजों सहित कैंसर रोगियों के लिए ब्लड का संकट बढ़ रहा है।

किल्लत से जूझ रहे ब्लड बैंक

प्राइवेट ब्लड बैंक को छोड़ दिया जाए तो शहर में तीन ऐसे ब्लड बैंक है जहां से जरूरतमंदों की मांग पूरी होती है। मगर डोनर न मिलने से इन ब्लड बैंकों का कोष जरूरत से ज्यादा खाली हो चुका है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के ब्लड बैंक में हर महीने 100 से 120 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदान होता था। मगर, मार्च से स्वैच्छिक रक्तदान न होने और शिविर न लगने से ब्लड की उपलब्धता कम हो रही है। वर्तमान में यहां एक भी डोनर नहीं आ रहे है। अभी केवल वहीं लोग ब्लड डोनेट कर रहे है जिन्हें ब्लड की जरूरत है।

निगेटिव ग्रुप में नहीं मिल रहा ब्लड

ब्लड बैंक के अधिकारियों के मुताबिक जून में स्थिति थोड़ी सुधरी थी, मगर अब दिक्कत फिर से बढऩे लगी है। वहीं आईएमए पदाधिकारियों का कहना हैं यहां एबी पॉजिटिव ब्लड की भारी कमी हो गई है। यही नहीं निगेटिव ग्रुप में तो कोई ब्लड ही नहीं मिल रहा है, जिससे जरूरतमंदों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। अभी एक्सीडेंट के मामले भी कम होने के साथ इलेक्टिव ऑपरेशन पूरी तरह से ठप होने से अस्पतालों में खून की खपत तो नहीं हो रही है, लेकिन थैलेसीमिया या गंभीर मर्ज के बीमारों के लिए खून का संकट बना हुआ है।

एक फीसद भी नहीं पहुंचे रहे डोनर

शहर के ब्लड बैंक में लॉकडाउन से पूर्व हर माह रक्तदान के लिए करीब एक हजार लोग पहुंचते थे। वहीं अब यह संख्या एक फीसदी भी नहीं रह गई है। बीएचयू समेत अन्य संस्थाओं के मोबाइल ब्लड बैंक भी बंद हैं। मंडलीय हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के अधिकारियों का कहना हैं कि यहां पहले की तुलना में मात्र 20 फीसदी ही ब्लड रह गए हैं। फिलहाल वही लोग ब्लड डोनट कर रहे है जो ब्लड लेने के लिए आ रहे है। इस ब्लड बैंक पर महिला हॉस्पिटल में भी ब्लड देने का भार है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों से आने वालों को भी खून लेकर खून दिया जाता है। 

कठिन है दौर, करें रक्तदान

दैनिक जागरण, बीएचयू ब्लड बैंक व आइएमए ब्लड बैंक शहरवासियों से अपील कर रहा है कि संकट की इस घड़ी में ज्यादा से ज्यादा संख्या में ब्लड बैंकों में पहुंचकर स्वैच्छिक रक्तदान करें, ताकि जरूरतमंदों की जान बचाई जा सके। 

डोनर न मिलने से एबी पॉजिटिव ब्लड का स्टॉक 10 फीसद भी नहीं बचा

डोनर न मिलने से एबी पॉजिटिव ब्लड का स्टॉक 10 फीसद भी नहीं बचा है। वहीं अलग-अलग ग्रुप के निगेटिव ब्लड की भारी किल्लत हो गई है। फिर भी बैंक का स्टॉक बनाए रखने की पूरी कोशिश करने के साथ ही लोगों से रक्तदान की अपील की जा रही है।

- डा. आलोक भारद्वाज, अध्यक्ष-आइएमए। 

ब्लड बैंक में डोनर की कमी हो गई है

ब्लड बैंक में डोनर की कमी हो गई है। कोरोना संक्रमण की वजह कोई भी ब्लड डोनेट करने नहीं पहुंच रहा है। इससे ब्लड बैंक का स्टॉक 75 फीसद तक खाली हो चुका है। प्रतिदिन यहां 10 से 15 यूनिट ब्लड की खपत है, मगर खपत के मुकाबले डोनर नहीं आ रहे।

- डा. आरके सिंह, इंचार्ज- ब्लड बैंक मंडलीय अस्पताल।

बनारस के ब्लड बैंक पर एक नजर

बीएचयू ब्लड बैंक :

क्षमता - 2000 यूनिट

उपलब्धता पहले - 1300 यूनिट

उपलब्धता अब - 400 यूनिट

खपत पहले - 100 यूनिट प्रतिदिन

खपत अब - 60 यूनिट

प्रतिदिन डोनर पहले - 50-60

प्रतिदिन डोनर अब - 00-00 प्रतिदिन

आइएमए ब्लड बैंक

क्षमता - 3000 यूनिट

उपलब्धता पहले - 1200 यूनिट

उपलब्धता अब - 900 यूनिट

खपत पहले - 110 यूनिट प्रतिदिन

खपत अब -  60 यूनिट प्रतिदिन

डोनर पहले - 40-50 प्रतिदिन

डोनर अब - 00-00 प्रतिदिन

मंडलीय अस्पताल ब्लड बैंक

क्षमता -250 यूनिट

उपलब्धता पहले - 150 यूनिट

उपलब्धता अब -  80 यूनिट

खपत पहले - 50 यूनिट प्रतिदिन

खपत अब -  30-35  यूनिट प्रतिदिन

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