वाराणसी के मंडलीय अस्पताल को मिलेंगे एम्स जैसे संसाधन, चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ जाएंगी
हास्पिटल कायाकल्प योजना के तहत राज्य स्तर पर क्वालिफाई करने में कामयाब रहा था। अब एनक्यूएएस की बारी है। इसी के तहत पहले चरण में राज्य स्तरीय टीम यहां पहुंची है। टीम हास्पिटल में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं की चेकलिस्ट तैयार कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कबीरचौरा स्थित श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय हास्पिटल का एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) के लिए सोमवार को राज्य स्तरीय टीम ने निरीक्षण किया। इस दूसरे चरण में मानकों पर खरा पाए जाने पर अस्पताल में एम्स जैसे संस्थानों की तर्ज पर न केवल चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ जाएंगी, बल्कि प्रति बेड के हिसाब से अच्छा-खासा फंड भी केंद्र सरकार की ओर से मिलने लगेगा।
निरीक्षण के लिए आई टीम में शामिल डा. रूपा अग्रवाल व डा. आशुतोष मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने जनरल वार्ड, ओपीडी, इमरजेंसी सहित पैथालाजी व रेडियोलाजी लैब के संसाधन व व्यवस्था देखी। हास्पिटल में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं का गहनता से जायजा लिया और बायो मेडिकल कचरा निस्तारण की प्रक्रिया को जाना। एसआइसी डा. प्रसन्न कुमार के मुताबिक कुछ अरसा पहले हास्पिटल कायाकल्प योजना के तहत राज्य स्तर पर क्वालिफाई करने में कामयाब रहा था। अब एनक्यूएएस की बारी है। इसी के तहत पहले चरण में राज्य स्तरीय टीम यहां पहुंची है। टीम हास्पिटल में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं की चेकलिस्ट तैयार कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। पहला चरण क्वालिफाई करने के बाद केंद्रीय स्तर की टीम निरीक्षण करेगी। दूसरा चरण भी क्वालिफाई करने पर हास्पिटल को एनक्यूएएस का प्रमाणपत्र मिलेगा।
तीसरी लहर से मुकाबले को जिला प्रशासन ने जारी किया प्रशिक्षण कार्यक्रम
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने तैयारियां बढ़ा दी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को कैंप कार्यालय पर तैयारियों की समीक्षा करते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण से बचाव एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी किया। वहीं सीएमओ डा. वीबी सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यक्रम की फीडबैक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों के लिये तिथि, दिनांक, स्थान के साथ-साथ सम्बंधित विभाग तथा पर्येक्षण कार्य के लिए नोडल अधिकारी व प्रशिक्षक निर्धारित किये गये हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 जुलाई से शुरू किए जाएंगे, जिसमें कोविड प्रबंधन, डाटा मैनेजमेंट, सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग, कांटैक्ट ट्रेसिंग, शिकायत निवारण प्रबंधन, डेड बाडी डिस्पोजल, दवा वितरण, हास्पिटल व एंबुलेंस प्रबंधन, आक्सीजन आपूर्ति, आरआरटी, निगरानी समिति, कंटेन्मेंट ज़ोन व सैनिटाइज़ेशन आदि सभी कार्य योजनाबद्ध तरीके से लगभग एक सप्ताह में पूर्ण कर लिये जायेंगे।