परिषदीय विद्यालयों में परीक्षा के पहले ही दिन गड़बड़ी, हिंदी के बदले बंटा संस्कृत का पेपर

परिषदीय विद्यालयों में अद्र्धवार्षिक परीक्षा में चिरईगांव ब्लाक के 11 विद्यालयों में बच्चों को संस्कृत का पर्चा बांट दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 09:04 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 09:04 PM (IST)
परिषदीय विद्यालयों में परीक्षा के पहले ही दिन गड़बड़ी, हिंदी के बदले बंटा संस्कृत का पेपर
परिषदीय विद्यालयों में परीक्षा के पहले ही दिन गड़बड़ी, हिंदी के बदले बंटा संस्कृत का पेपर

वाराणसी, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों में अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो गईं। पहले दिन हिंदी की परीक्षा थी। वहीं चिरईगांव ब्लाक के 11 विद्यालयों में बच्चों को संस्कृत का पर्चा बांट दिया गया। बच्चों के शोर मचाने पर अध्यापकों की नजर पेपर पर पड़ी। अध्यापकों ने तत्काल बच्चों से संस्कृत का पर्चा वापस ले लिया है और इसकी सूचना चिरईगांव के खंड शिक्षा अधिकारी को दी। आनन-फानन में आसपास के विद्यालयों से हिंदी का पर्चा मंगाकर किसी तरह से परीक्षा कराई गई। एक-दो विद्यालय के हेड मास्टरों को वाट्सएप पर पर्चा भेजा गया है। अध्यापकों ने बच्चों को ब्लैक बोर्ड से सवाल देखकर हल करने का निर्देश दिया।

परिषदीय विद्यालयों में अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं 25 अक्टूबर तक दो पालियों में होनी हैं। जनपद के 1367 विद्यालयों में करीब 1.74 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। वहीं प्रश्नों का निर्माण जनपद स्तर पर कराया गया है। कक्षा एक में सिर्फ मौखिक परीक्षा कराई जाएगी। वहीं कक्षा दो से पांच तक लिखित व मौखिक दोनों परीक्षाएं होंगी, जबकि कक्षा-छह, सात व आठ में सिर्फ लिखित परीक्षाएं होंगी। परीक्षा की शुरूआत हिंदी विषय से की गई है। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय (कोटवां, रुस्तमपुर, जाल्हूपुर सहित 11 विद्यालयों में हिंदी के पैकेट में संस्कृत का पेपर मिला। हिंदी के पेपर के भ्रम में अध्यापकों ने सील खोलकर बच्चों को पेपर बांट दिया। पेपर खोलते ही संस्कृत का पेपर देखते हुए तत्काल इसे समेट लिया गया। वहीं कुछ विद्यालयों में संस्कृत का पेपर बच्चों को बांट भी दिया गया था जबकि कक्षा छह, सात व आठ में संस्कृत की परीक्षा 22 अक्टूबर को होनी है। वहीं कक्षा तीन, चार व पांच में संस्कृत की परीक्षा 23 अक्टूबर को है। ऐसे में परीक्षा से पहले ही संस्कृत का पेपर लीक हो गया है। दूसरी ओर चिरईगांव ब्लाक में पंजीकृत 25960 बच्चों के सापेक्ष पेपर कम उपलब्ध कराए गए थे। कई विद्यालयों में दो या तीन बच्चों पर एक प्रश्नपत्र वितरित किया गया था।

इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी, चिरईगांव के रामटहल ने कहा कि संस्कृत का पेपर लीक नहीं हुआ है। जैसे ही अध्यापकों ने पेपर का पैकेट खोला उसमें संस्कृत का पेपर देख तत्काल उन्होंने पैकेट सुरक्षित रख लिया और इसकी सूचना दी। संस्कृत का पेपर बच्चों के हाथ में नहीं गया।

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