दीवाली का गिफ्ट बांटने को लेेकर हत्‍या, दोस्‍तों में हुआ विवाद तो बिजनेस पार्टनर ने मार दी गोली Varanasi news

पूर्व डीआइजी सभाजीत सिंह के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह की हत्या के मुख्य आरोपित कांग्रेस नेता और बिजनेस पार्टनर पंकज चौबे को सारनाथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

By Edited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 01:28 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 01:58 PM (IST)
दीवाली का गिफ्ट बांटने को लेेकर हत्‍या, दोस्‍तों में हुआ विवाद तो बिजनेस पार्टनर ने मार दी गोली Varanasi news
दीवाली का गिफ्ट बांटने को लेेकर हत्‍या, दोस्‍तों में हुआ विवाद तो बिजनेस पार्टनर ने मार दी गोली Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। पूर्व डीआइजी सभाजीत सिंह के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह की हत्या के मुख्य आरोपित कांग्रेस नेता और बिजनेस पार्टनर पंकज चौबे को सारनाथ पुलिस ने सोमवार को दोपहर में चौबेपुर बाजार से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बलवंत सिंह की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर ली है। पंकज की जब्त लाइसेंसी पिस्टल व चार कारतूस के साथ ही घटनास्थल से मिले दो खोखे को फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है। पंकज चौबे के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने के लिए पुलिस ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

शिवपुर तरना निवासी बलवंत सिंह की रविवार देर रात अशोक विहार कालोनी में उनके बिजनेस पार्टनर पंकज चौबे निवासी रमरेपुर पहड़िया ने गोली मार दी थी। अस्पताल पहुंचने से पहले ही बलवंत सिंह ने दम तोड़ दिया था। बलवंत सिंह के बेटे अनुराग सिंह ने सारनाथ थाने में अपने पिता के बिजनेस पार्टनर पंकज चौबे के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम कराया था। पुलिस लाइन में एसएसपी आनंद कुलकर्णी व एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसी कैमरे में भी घटना कैद हुई है। पंकज बलवंत पर गोली चलाते दिखा है। वारदात के बाद आरोपित गाजीपुर भाग गया था। दोपहर में सूचना मिली कि वह गाजीपुर के रास्ते वाराणसी आ रहा है। सारनाथ थाना प्रमुख विजय बहादुर सिंह ने घेरेबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिफ्ट बांटने को लेकर हुआ था विवाद - बलवंत सिंह सत्य साई बाबा इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में पार्टनर थे। एसएसपी ने बताया कि कंपनी के एमडी रामगोपाल सिंह के यहां अशोक विहार कालोनी में पार्टनरों की मीटिंग रखी गई थी दीपावली पर लोगों को गिफ्ट बांटने के लिए। पंकज चौबे समेत दो और पार्टनरों के साथ ही कंपनी से जुड़े लोग जुटे थे। हर पार्टनर के जिम्मे अलग-अलग लोगों को गिफ्ट देने की बात तय हुई। इस दौरान पंकज ने भी गिफ्ट को लेकर अपनी तरफ से डिमांड रखी जिसको लेकर बलवंत ने आपत्ति जताई। इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद हुआ। सूत्रों के अनुसार इस बीच रामगोपाल सिंह से भी विवाद हो गया। इस दौरान पंकज ने अपनी पिस्टल से हवाई फायरिंग कर दी। मामला शांत नहीं हुआ और बलवंत रामगोपाल सिंह के घर से बाहर निकले। घर के दरवाजे पर पंकज और बलवंत के बीच फिर कहासुनी हो गई और पंकज ने गोली चला दी।

शराब और मीट का जमकर दौर चला - बलवंत सिंह की हत्या के बाद पुलिस जब वहां पहुंची तो सभी पार्टनर नशे में धुत थे। पुलिस को मौके से शराब की कई बोतलें मिली। साथ ही वहां मछली, चिकन, मटन, बना था। छानबीन में पता चला कि वहां लोगों ने जमकर शराब पी थी। चार पैग वालों ने भी आठ-आठ पैग लगाए थे। - फेसबुक पर जताया था रोष वारदात के बाद कुछ लोगों ने जब पंकज चौबे के फेसबुक पेज को चेक किया तो उसमें तीन पोस्ट ऐसी थीं जिसका स्क्रीन शॉट लेकर लोगों ने रख लिया था। तीनों पोस्ट में उसने किसी को बद्दुआ देने की बात लिखी थी। तीनों पोस्ट बलवंत को गोली मारने से कुछ देर पहले की गई थी।

बलवंत के बढ़ते रुतबे से था परेशान : रियल इस्टेट के धंधे से जुड़ी सत्य साई बाबा इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी से बलवंत सिंह बाद में जुड़े थे लेकिन अपनी पहुंच के चलते जल्दी ही कंपनी में ऊपर चढ़ते गए। लखनऊ से लेकर वाराणसी तक बलवंत सिंह का ओहदा बढ़ता जा रहा था। बलवंत बुलेटप्रूफ गाड़ी से भी चलने लगे थे। पुलिस के अनुसार बलवंत सिंह के बढ़ते रुतबे ने भी पंकज को परेशान कर रखा था। रविवार रात भी दावत के दौरान गिफ्ट बांटने को लेकर हुए विवाद के दौरान बलवंत ने पंकज के गिफ्ट बांटने पर रोक लगा दी जिससे वह क्षुब्ध हो गया था।

छोटे बेटे ने दी मुखाग्नि : बलवंत को गोली सीने के पास लगी थी। शरीर के अंदरूनी हिस्से क्षतिग्रस्त होने व अत्यधिक रक्तस्राव के चलते बलवंत की मौत हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव दोपहर बाद तरना स्थित आवास पहुंचा। बीमार चल रहे पिता सभाजीत सिंह बेटे का शव देखकर फफक पड़े। परिजनों के चीत्कार से मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गई। देर शाम मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। छोटे बेटे आशु ने मुखाग्नि दी। - खाकी परिवार से जुड़े दोनों बलवंत सिंह के पिता सभाजीत सिंह डीआइजी के पद से पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए तो पंकज चौबे के पिता दीवान के पद से। पंकज के पिता चंद्रभूषण चौबे यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। तेजतर्रार होने के चलते पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चंद्रशेखर सिंह के सुरक्षा काफिले में भी कई दिनों तक तैनात रहे।

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