दिलीप कुमार को आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी से रहा प्यार, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव से मंगवाए थे फ्लावर पाट

ट्रेजडी किंग दिलीप साहब के मन में छिपी पूर्वांचल की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरती आजमगढ़ रंग मंच के प्रति युवाओं के रुझान निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी से उनका जुड़ाव जानकर फक्र महसूस हुआ था। दिलीप कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से ब्लैक पाटरी निर्मित फ्लावर पाट मंगाने को कहा था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 06:30 PM (IST)
दिलीप कुमार को आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी से रहा प्यार, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव से मंगवाए थे फ्लावर पाट
नेहरू बाल संघ के राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में अभिनेता दिलीप कुमार को ब्लैक पाटरी भेंट करतीं सविता और गायिका स्वप्निल।

आजमगढ़ [राकेश श्रीवास्तव]। ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार के निधन के साथ ही बालीवुड में आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी उत्पाद का कद्रदान कम हो गया। उन्होंने अंतिम सांस तो बुधवार की सुबह मुंबई में ली, लेेकिन शोक का अक्स आजमगढ़ के रंगमंच के कलाकारों में महसूस हुआ।

वर्ष 2002 में नेहरू बाल संघ का राष्ट्रीय सांस्कृतिक अधिवेशन मुंबई में होना सुनिश्चित हुआ तो दिलीप कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव से फोन करके ब्लैक पाटरी निर्मित फ्लावर पाट मंगाने को कहा था। उत्साहित कलाकारों ने उन्हें फ्लावर भेंट की और उनके संग एक सप्ताह बिताए तो पता चला कि मायानगरी में दिलीप साहब तो ब्लैक पाटरी के बड़े कद्रदान हैं।

वर्ष 2002 की बात है। मुंबई के कांदीवली ईस्ट में नेहरू बाल संघ का राष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजन (28वां नेशनल इंटीग्रेशन कैंप) सुनिश्चित हुआ था। उसकी तारीख मुकर्रर हुई 27 दिसंबर 2002 से 3 जनवरी 2003 और स्थान कांदीवली ईस्ट मुंबई। उस दशक में विश्व स्तरीय राजनेता रहे आजमगढ़ के चंद्रजीत यादव को कार्यक्रम में पहुंचना था। दिलीप कुमार का भी वहां जाना सुनिश्चित हुआ तो उन्होंने चंद्रजीत यादव को फोन कर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी के प्रति अपना प्यार जताते हुए फ्लावर पाट मंगाने को कहा था। यह संयोग ही रहा कि उस कार्यक्रम में यूपी की ओर से संयोजक रहे अरविंद चित्रांश। उनके निर्देशन में ही 25 कलाकारों (अधिकांश कलाकार आजमगढ़ के थे) के दल को मुंबई पहुंचना था। फिर क्या ट्रेजडी किंग की इस ख्वाहिश ने कलाकारों में नई ऊर्जा भर दी। कलाकारों का दल कार्यक्रम में पहुंचा तो चंद्रजीत यादव की देखरेख में उन्हें फ्लावर पाट सौंपा तो वे खुश हो उठे। अरविंद चित्रांश बताते हैं कि दिलीप साहब तो कला की प्रतिमूर्ति थे। उस कार्यक्रम में उनके साथ कलाकारों को एक सप्ताह बिताने का मौका मिला था।

उन्होंने आजमगढ़ के रंगमंच के विषय में बातें करते-करते उन्हें ऐसा टिप्स दे गए, जो आज भी सफलता की राह में सीढ़ी महसूस होता है। कलाकारों के दल में शामिल रहीं स्वप्निल श्रीवास्तव इन दिनों लखनऊ दूरदर्शन में तो सविता शर्मा एक्ट्रेस के रूप में सफल हैं। बकौल अरविंद कलाकारों को दिलीप साहब से बातचीत के दौरान उनके मन में छिपी पूर्वांचल की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरती आजमगढ़, रंग मंच के प्रति युवाओं के रुझान, निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी से उनका जुड़ाव जानकर फक्र महसूस हुआ था। उनका लगाव ही था कि मुंबई से आई उनके निधन की खबर से कलाकारों की धड़कनें कुछ देर लिए मानों थम सी गईं थीं। जिले के युवा अभिनेता सुजीत अस्थाना कहते हैं, यह कलाकारों के लिए अपूरणीय क्षति है।

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